पटना: साहित्यिक संस्था ‘सामयिक परिवेश‘ अब नवोदित लेखकों के लिए साहित्य कार्यशाला आयोजित करने जा रही है. साहित्य की विविध विधाओं को लेकर आयोजित होने वाली यह कार्यशाला गीत, कविता, कहानी और छंद को लेकर होगी. संस्था की बैठक के बाद इसकी प्रमुख ममता मेहरोत्रा ने बताया कि ऐसी साहित्यिक गोष्ठियों का मकसद लिटरेचर विद टूरिज्म को बढ़ावा देना है. संस्था किसी टूरिस्ट प्लेस पर साहित्यकारों की टोली के साथ जाकर कार्यक्रम करेगी. बैठक में क़ासिम खुर्शीद, शिव नारायन, ध्रुव कुमार, मुकेश महान, समीर परिमल, जावेद हयात, नीतू नवगीत, सविता राज, डा मीना कुमारी परिहार, डा प्रतिभा रानी, अरविन्द अकेला, शिवानी गौड़, विभा सिंह सहित पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और औरंगाबाद के सदस्यों हिस्सा लिया. साहित्य कार्यशाला आयोजित करने की सलाह शिव नारायण ने दी जबकि लिटरेचर विद टूरिज्म की सलाह डा मीना कुमारी ने दिया. कासिम खुर्शीद ने सलाह दी कि संस्था का एक वार्षिक आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए, जिसमें देश-विदेश से संस्था से जुड़े सभी इकाइयों के साहित्यकारों को पटना में बुलाया जा सके.
सामयिक परिवेश की इस बैठक में डा ध्रुव कुमार ने इस आयोजन को राष्ट्रीय साहित्योत्सव के रूप में आयोजित करने की सलाह दी. मुकेश महान ने कहा कि इतने सारे सुझाव आ चुके हैं, अब इन्हें एक-एक कर कार्यान्वित करने की जरूरत है. बैठक के बाद द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इसका संचालन मीना परिहार ने किया, जबकि संयोजन सविता राज और डा प्रतिभा रानी का था. गोष्ठी में जावेद हयात, डा सुनील कुमार उपाध्याय, नागेंद्र कुमार केशरी, जनार्दन मिश्र जलज, धनंजय जयपुरी, राजकांता, आनंद किशोर शास्त्री, अनिता मिश्र सिद्धि, अनुपमा सिंह, रीतु प्रज्ञा, डा सुनिता कुमारी, डा सीमा राय, अंजनी कुमारी, दिव्या, अंजनी कुमार पाठक, अविनाश बंधु, रवि कुमार, सहित कई रचनाकारों ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया. कार्यक्रम के बाद सभी रचनाकारों को प्रमाण-पत्र और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया.