शिमला: हिमालय साहित्य मंच द्वारा हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के ललित कैफे में एक साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन हुआ. इस आयोजन में मंच के सदस्य अनिल शर्मा के कविता संग्रह ‘खिड़की से झांकता गांव’ का विमोचन भी हिमालय मंच के अध्यक्ष एसआर हरनोट और अन्य सदस्यों द्वारा किया गया.

हरनोट ने कहा कि लेखकों की अपनी पहचान केवल अच्छा लिखने से ही बनती है, जिसके लिए निरंतर अध्ययन और अभ्यास जरूरी है. आज कई लेखकों ने हिमालय मंच के बैनर में पहली बार मंच सांझा किया. इस अवसर पर लेखकों, कवियों ने वन विभाग कुफरी में कार्यरत रेंज आफिसर सुख राम और वन विभाग के कर्मचारियों के सानिध्य में कुफरी चिड़िया घर का भी लेखकों ने भ्रमण किया और कई प्रजातियों के जानवरों और पक्षियों का अवलोकन किया.

अंतिम सत्र कवि-गोष्ठी का रहा जिसकी अध्यक्षता जानेमाने गीतकार, कवि गुलपाल वर्मा ने की. इसमें अनिल शर्मा ने अपने विमोचित संग्रह से कई कविताओं का पाठ किया. गुलपाल वर्मा ने कई गीत गाकर समा बांध दिया. सभी कवियों ने अपनी-अपनी रचनाएं सुनाईं. खूबसूरत टिप्पणियों के साथ मंच संचालन जगदीश बाली ने किया. सभी सदस्यों की राय थी कि इसके बाद कई ऐसे ही सुंदर स्थलों में स्थानीय लोगों के साथ संवाद और गोष्ठियां होती रहेगी.

इस कार्यक्रम में मंच के जो सदस्य लेखक उपस्थित थे उनमें जगदीश बाली, रोशन लाल जिंटा, गुलपाल वर्मा, दीप्ति सारस्वत, जगदीश कश्यप, हितेंद्र शर्मा, कल्पना गांगटा, सिकंदर बंसल, हेम लता, अनिता दत्ता, मनसव जिंटा, उषा शोना, स्नेहा हरनोट आदि उपस्थित थे. अनिल शर्मा की ये चौथी पुस्तक है. सही मायनों में साहित्य, पर्यावरण और बेजुबान दोस्तों से बतियाने की यह अद्भुत यात्रा थी.