नई दिल्ली: “उत्कृष्टता के साथ-साथ सामाजिक समावेशन एवं संवेदनशीलता भी हमारी शिक्षा प्रणाली का एक अनिवार्य पहलू होना चाहिए. आप सबकी सफलता वास्तव में सार्थक है क्योंकि इससे समाज को मदद मिल रही है.” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विजिटर्स कान्फ्रेंस के मौके पर पूर्व छात्रों, प्रख्यात हस्तियों और सीएसआर में योगदान देने वालों के एक समूह का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि उन्हें उनके जैसे उदार एवं बड़े दिल वाले सफल लोगों से मिलकर प्रसन्नता हुई. उन्होंने कहा कि राष्ट्रों की असली संपत्ति उनके लोगों में निहित होती है. यह देखकर खुशी होती है कि भारत के लोग, जिनमें विदेश में रहने वाले लोग भी शामिल हैं, भारत माता के प्रति प्रेम का मजबूत बंधन महसूस करते हैं.

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि उनमें से कई लोग उन शिक्षण संस्थानों के हितैषी हैं, जहां से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की है. उन्होंने कहा कि ऐसा करके उन्होंने न केवल अपने पुराने संस्थान की मदद की है, बल्कि महान जीवन मूल्यों को भी मजबूत किया है. वे जीवन मूल्य हैं कृतज्ञता और सेवा. इस बातचीत में इंडो-एमआईएम प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष डा कृष्णा चिवुकुला, आईसीएफ इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष सुधाकर केसवन, फर्स्ट नेशनल रियल्टी मैनेजमेंट एलएलसी के अध्यक्ष अनिल बंसल, इंडिगो पेंट्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हेमंत जालान, आईआईटी बंबई के पूर्व निदेशक प्रोफेसर जुजर वासी, एक्सिलर वेंचर्स के अध्यक्ष क्रिस गोपालकृष्णन, एजिलिस इंक के अध्यक्ष एवं सीईओ रमेश श्रीनिवासन, डायमंड एक्सप्रेस कार वाश इंक के संस्थापक नरेश जैन, आईआईटीकेजीपी फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक देयसरकर, मैजिक साफ्टवेयर इंक के अध्यक्ष अर्जुन मल्होत्रा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक के कृतिवासन शामिल थे.