नासिक: “हमारे देश के ऋषियों-मुनियों-संतों से लेकर सामान्य मानवी तक, सभी ने हमेशा युवा शक्ति को सर्वोपरि रखा है.” यह बात महाराष्ट्र में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कही. उन्होंने कहा कि श्री अरबिंदो कहते थे कि अगर भारत को अपने लक्ष्य पूरे करने हैं, तो भारत के युवाओं को एक स्वतंत्र सोच के साथ आगे बढ़ना होगा. स्वामी विवेकानंद भी कहते थे भारत की उम्मीदें, भारत के युवाओं के चरित्र, उनकी प्रतिबद्धता पर टिकी है, उनकी बौद्धिकता पर टिकी है. स्वामी विवेकानंद का यह मार्गदर्शन आज 2024 में भी भारत के युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. आज भारत दुनिया की टाप फाइव इकोनामी में आया है, तो इसके पीछे भारत के युवाओं की ताकत है. आज आपके पास मौका है इतिहास बनाने का, इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने का. आप याद करिए… आज भी हम सर एम विश्वेश्वरैया की याद में इंजीनियर्स डे मनाते हैं. उन्होंने 19वीं और 20वीं शताब्दी में अपना जो इंजीनियरिंग कौशल दिखाया, उसका आज भी मुकाबला मुश्किल है. आज भी हम मेजर ध्यानचंद को याद करते हैं. उन्होंने हाकी की स्टिक से जो जादू दिखाया, वो आज तक लोग भूल नहीं पाए हैं. आज भी हम भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर दत्त जैसे अनगिनत क्रांतिकारियों को याद करते हैं. उन्होंने अपने पराक्रम से अंग्रेजों को पस्त करके रख दिया था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम महाराष्ट्र की वीर भूमि पर हैं. आज भी, हम सभी महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले को इसलिए याद करते हैं क्योंकि उन्होंने शिक्षा को सामाजिक सशक्तीकरण का एक माध्यम बनाया. यह केवल एक संयोग नहीं है कि भारत की अनेक महान विभूतियों का संबंध महाराष्ट्र की धरती से रहा है. ये इस पुण्य भूमि का, इस वीरभूमि का और इस तपोभूमि का प्रभाव है. इस धरती पर राजमाता जिजाऊ मां साहेब जैसी मातृशक्ति ने छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महानायक को गढ़ा. इसी धरती ने देवी अहिल्या बाई होलकर, रमाबाई आंबेडकर जैसी महान नारियां हमें दीं. इसी धरती ने लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर, आनंद कन्हेरे, दादा साहेब पोटनिस, चापेकर बंधु जैसे अनेक सपूत हमें दिए. नासिक-पंचवटी की इस भूमि में प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था. उन्होंने कहा कि आजादी के पहले के कालखंड में सभी महान व्यक्तित्वों ने देश के लिए काम किया, वो जिये तो देश के लिए, वो जूझे तो देश के लिए, उन्होंने सपने संजोये तो देश के लिए, उन्होंने संकल्प किए तो देश के लिए और उन्होंने देश को नई दिशा दिखाई. अब अमृतकाल के इस कालखंड में वो दायित्व आप सभी मेरे युवा साथियों के कंधों पर है.