नई दिल्ली: “सभी धर्म स्वच्छ जीवन-शैली को प्रोत्साहित करते हैं. उचित स्वच्छता प्रथाएं और एक संतुलित जीवन शैली अपनाकर स्वस्थ्य रहा जा सकता है.” यह बात नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के प्रमुख, वरिष्ठ सलाहकार हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर श्रीधर द्विवेदी ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान में ‘स्वास्थ्य और स्वच्छता: परस्पर संबद्ध’ शीर्षक पर व्याख्यान के दौरान कहीं. उन्होंने उपस्थित जनों से आग्रह किया कि वे कोविड महामारी के दौरान अपनाई गई स्वस्थ आदतों को जारी रखें. प्रो द्विवेदी ने स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि इसमें शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक स्वास्थ्य सम्मिलित हैं. उन्होंने स्वास्थ्य से जुड़े भारतीय पहलुओं की परिभाषा के साथ स्वच्छता के सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, अंतर्संबंधो और उससे सुलभ होने वाले कल्याण पर भी प्रकाश डाला.
स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान आयोजित इस व्याख्यान में प्रो द्विवेदी ने दावा किया कि स्वच्छता से हम संक्रामक, असंक्रामक दोनों प्रकार के रोगों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं. सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर द्वारा संस्थान के विवेकानंद हाल में आयोजित इस व्याख्यान में स्वच्छता और समग्र कल्याण के आंतरिक संबंध पर ध्यान केंद्रित किया गया. सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रो रंजना अग्रवाल ने स्वच्छता को मिशन बनाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य एक स्वच्छ राष्ट्र के रूप में भारत की छवि को सुधारना और बढ़ाना है. स्वच्छता पखवाड़ा पहल इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है. याद रहे कि सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तहत एक घटक प्रयोगशाला है. यह जनता के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति अनुसंधान को समर्पित है.