बरेली: अखिल भारतीय साहित्य परिषद बृजप्रान्त, बरेली के तत्वावधान में स्थानीय रोटरी भवन सभागार में अटल साहित्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार हृदय नारायण दीक्षित को अटल साहित्य सम्मान से विभूषित किया गया. मुख्य अतिथि प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार, अध्यक्ष केए बार्ष्णेय, साहित्य परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष साहित्य भूषण सुरेश बाबू मिश्रा, संरक्षक डॉ एनएल शर्मा, महामंत्री डॉ शशिवाला राठी, उपाध्यक्ष आनन्द गौतम एवं संयुक्त मंत्री रोहित राकेश ने डॉ हृदय नारायण दीक्षित को माला, श्रीफल, शाल, सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह एवं 5100 रुपये की धनराशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुमार ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से काल के कपाट पर और विश्व की राजनीति पर अपनी अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने पूरे विश्व में भारत के गौरव को बढ़ाया. सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा अटल जी राजनीति के अजात शत्रु थे. कुशल राजनेता होने के साथ ही वे ओजस्वी कवि, अद्भुत वक्ता एवं प्रखर पत्रकार थे. परिषद उनके नाम पर साहित्य के शिखर पुरुष हृदय नारायण दीक्षित को अटल सम्मान प्रदान कर गौरवान्वित है.
सम्मान से अभिभूत हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि साहित्य वैचारिक क्रांति का सशक्त माध्यम है. भारत अपनी संस्कृति साहित्य एवं संस्कारों के बल पर सदियों तक विश्व गुरु रहा. उन्होंने साहित्यकारों से अनुरोध किया कि वे साहित्य के माध्यम से सनातन संस्कृति के आदर्शों एवं जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाएं.अध्यक्षीय उद्बोधन में बार्ष्णेय ने अटल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. गोष्ठी को विशिष्ट अतिथि डॉ एनके गुप्ता, डॉ अजयवीर सिंह एवं सुनील कुमार पाठक ने भी सम्बोधित किया. मोहन चन्द्र पाण्डेय की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ. उमेश चन्द्र गुप्ता ने स्वागत गान एवं कवि कमल सक्सेना ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया. डॉ सीपी शर्मा ने स्वागत भाषण एवं कवि रोहित राकेश ने सम्मानित साहित्यकार के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. प्रांतीय संरक्षक डॉ एनएल शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया. सभी का आभार डॉ एसपी मौर्य ने किया. समारोह में जिला मंत्री राजीव श्रीवास्तव, निर्भय सक्सेना, वीरेन्द्र अटल, सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, विनोद कुमार गुप्ता, प्रवीण शर्मा, डॉ अखिलेश गुप्ता, डॉ रवि प्रकाश शर्मा, संजय पांडेय, कमल सक्सेना, रामपाल सिंह, आनन्द गौतम, डॉ एसपी मौर्य, उमेश चन्द्र गुप्ता, मोहन चन्द्र पाण्डेय, अविनाश मिश्रा, सन्तोष मिश्रा, जितेन्द्र पाल सिंह चौहान, डॉरणजीत पांचाले, रमेश गौतम, अर्चना शर्मा, स्वाति गुप्ता किरन प्रजापति, राजबाला धैर्य, जितेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार और विद्वतगण मौजूद रहे.