बेंगलुरु: कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने रवींद्र कला क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में क्षेत्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘दिव्य कला शक्ति: दिव्यांगों की क्षमताओं का साक्षी‘ विषय पर प्रतिभा, लोच और समावेशिता के उत्सव का उद्घाटन किया. इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी और राज्य तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में दिव्यांगजनों ने असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय बहुदिव्यांगता जन सशक्तिकरण संस्थान चेन्नई और केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस सांस्कृतिक उत्सव ने दिव्यांगों को कला, संगीत, नृत्य, कलाबाजी और अन्य विधाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मंच प्रदान किया. इस कार्यक्रम में 1000 से अधिक दर्शक, अभिभावक, विशेष शिक्षक, पुनर्वास पेशेवर, छात्र, गैर सरकारी संगठन तथा अन्य विशिष्ट लोग शामिल हुए.
एक महीने से अधिक के समर्पित अभ्यास ने कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी के 75 बच्चों और युवाओं को एकजुट कर मंच प्रदान किया. ये दिव्यांग दृश्य, श्रव्य, लोकोमोटर, ऑटिज्म, स्पेक्ट्रम विकार, बौद्धिक और एकाधिक दिव्यांगता से ग्रस्त थे, लेकिन इन्होंने शास्त्रीय से लेकर लोक और आधुनिक शैलियों तथा योग और एरोबिक्स की विधाओं में उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन किया. याद रहे कि दिव्य कला शक्ति का यह उत्सव न केवल दिव्यांगों की क्षमताओं का जश्न मनाता है, बल्कि इसका उद्देश्य जागरूकता और दिव्यांगजनों के प्रति सामाजिक धारणाओं को बदलना भी है. केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सक्रिय रूप से इस प्रकार की पहलों को बढ़ावा दे रहा है. ‘दिव्य कला शक्ति‘ कार्यक्रम का आयोजन जागरूकता सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत वित्त पोषित किया गया है. यह राष्ट्र के सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में योगदान के लिए दिव्यांगजनों को मंच प्रदान करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता दर्शाता है.