नई दिल्ली: शिक्षा और साहित्य का मकसद ही प्रकृति की संरक्षा है, इसीलिए जब विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस दुनिया भर में मनाया जा रहा था, तब साहित्य अकादमी के मुख्यालय को भी एक अनूठा अवसर प्राप्त हुआ. संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने फ़ीरोज़शाह मार्ग स्थित रवींद्र भवन परिसर में वट, बिल्व, आँवला, जामुन, नीम आदि कई पौधों का रोपण किया. पौध-रोपण के बाद मीडिया को पटेल ने बताया कि प्रकृति संरक्षण दिवस को संस्कृति मंत्रालय ने 'संकल्प दिवस' के रूप में लगभग 15 दिनों तक मनाया और लगभग 13000 पौधों का रोपण किया. हमारे लिए यह कोई 'इवेंट' नहीं बल्कि नैतिक ज़िम्मेदारी और कर्तव्य है. अगर हमारे परिवार में जितने लोग हैं, वे सभी लोग एक-एक पौधे लगाएँ और उनकी पूरी तरह देखभाल करें तो प्रकृति समृद्ध हो जाएगी.
पटेल का कहना था कि हम धन के द्वारा अपनी संततियों को संरक्षित और संवर्द्धित नहीं कर सकते, लेकिन यदि हम प्रकृति के प्रति अपना कर्तव्य और कर्ज़ महसूस करते हुए प्रकृति का संरक्षण कर सकें तो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक पोषक वातावरण दे सकते हैं; इसलिए हमें यह कार्य एकनिष्ठ संकल्प और सच्ची अंतःप्रेरणा के साथ करने की आवश्यकता है. इस वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्रालय के सचिव आनंद कुमार, संयुक्त सचिव निरुपमा कोतरू, साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव तथा संस्कृति मंत्रालय के अधिकारीगण एवं संगीत नाटक अकादेमी, ललित कला अकादेमी के विभिन्न अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे. इस अवसर पर संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अकादमी भवन स्थित पुस्तक विक्रय केंद्र का दौरा भी किया.