मुजफ्फरपुरः स्थानीय बीआरएबीयू के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग ने राज्य की शिक्षा व साहित्य क्षेत्र की दो विभूतियों को याद किया. पूर्व कुलपति सह प्रख्यात इतिहासकार प्रो निहार नंदन प्रसाद सिंह और वरिष्ठ साहित्यकार व प्रशासक डॉ शिवदास पांडेय के निधन पर ऑनलाइन श्रद्धांजलि सभा में सबने इनके योगदान को याद किया. हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्र सतीश कुमार राय ने कहा कि प्रो सिंह कुशल प्रशासक, दक्ष प्राध्यापक और सहृदय मनुष्य थे. एक अभिभावक की तरह उन्होंने विश्वविद्यालय को व्यवस्थित किया. इसी तरह डॉ शिवदास पांडेय के निधन से मुजफ्फरपुर ने अपना एक साहित्यिक अभिभावक खो दिया है. डॉ शिवदास पांडेय ने कथा और कविता दोनों को ऊंचाई दी. प्रो रेवती रमण ने प्रो सिंह को याद करते हुए कहा कि उनमें प्रशासकीय क्षमता अद्भुत थी. प्रो रेवती रमण ने डॉ पांडेय के संदर्भ में कहा कि वह एक निर्भीक प्रशासक और रचनाकार थे. उन्हें हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास तथा राजनीतिशास्त्र आदि विषयों का विशेष ज्ञान था जो उनकी रचनाओं में अभिव्यक्त हुआ है.
इस श्रद्धांजलि सभा में डॉ वीरेंद्र मिश्र कहा कि दोनों ही बुद्धिजीवियों ने मुजफ्फरपुर शहर को बहुत कुछ दिया है. डॉ कल्याण कुमार झा ने बताया कि डॉ पांडेय ने अपनी पुस्तक 'चाणक्य तुम लौट आओ' में अपनी अपेक्षा व्यक्त करते हुए एक पद लिखा है, 'वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः.' डॉ झा ने कहा कि उनकी इस अपेक्षा पर खरा उतरना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. डॉ राकेश रंजन ने कहा कि डॉ पांडेय ने हिंदी गीतों को नया बोध दिया और कथा-शिल्प को नई दृष्टि भी. डॉ उज्ज्वल आलोक ने कहा कि डॉ पांडेय की रचनाओं से ज्ञात होता है कि वे इतिहास और मिथक की बारीक पहचान करने वाले कवि थे. डॉ धीरेंद्र प्रसाद राय, डॉ सुशांत कुमार और डॉ संध्या पांडेय, डॉ एसके मुकुल, डॉ पंकज कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह, डॉ सतीश कुमार, डॉ ललित किशोर, डॉ कुमार बलवंत, डॉ गुंजन कुमार, डॉ विपिन कुमार, संजीव कुमार, अमरेंद्र कुमार कनक, राहुल कुमार और रणविजय कुमार सहित कई लोगों ने शोक संवेदना प्रकट की.