नई दिल्लीः देश की प्रमुख साहित्यिक संस्था साहित्य अकादमी ने कोरोना संकटकाल में लॉक डाउन के दौरान वेबलाइन साहित्य श्रृंखला के तहत बहुभाषी कविता व कहानी पाठ का कार्यक्रम कराया, जिसमें साहित्य जगत की कई हस्तियां शामिल हुईं. 9 मई से 16 मई के बीच आयोजित वेबलाइन काव्य श्रृंखला के अंर्तगत रोज रात्रि में आठ बजे बहुभाषी कविता-पाठ का आयोजन किया गया. अकादमी के फ़ेसबुक पेज पर प्रसारित इस कार्यक्रम में हिंदी के रामदरश मिश्र, कन्नड़ के मनु बलिगर, पद्मिनी नागराजु, कश्मीरी के अज़ीज़ हाजिनी, डोगरी की सुनीता भड़वाल, पंजाबी की वनीता और तेलुगु की कोलकलुरी मधु ज्योति एवं नेपाली के बलराम पांडे द्वारा अपनी-अपनी भाषा में कविताएं प्रस्तुत की गई.
इस वेब काव्य श्रृंखला के अतिरिक्त अकादमी स्वयं द्वारा स्वीकृत 24 भारतीय भाषाओं में साहित्यिक वेबिनार श्रृंखला की 17 मई से 30 मई के बीच स्ट्रीमिंग भी कर रही है. इस वेबिनार श्रृंखला में पैनल चर्चा, काव्य पाठ, कहानी पाठ के 66 कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. बंगला के देबदास आचार्या, उत्तम दत्ता, यशोधरा रॉय चौधरी, कोंकणी के उदय म्हांब्रे, एच मनोज, सखाराम बोरकर आदि शामिल हैं. अधिकतर लाइव कार्यक्रम अकादमी के यूट्यूब चैनल या फेसबुक पेज पर प्रसारित हो रहे हैं, जबकि कुछ कार्यक्रम रिकार्ड होने के बाद यूट्यूब पर अपलोड किए जा रहे हैं. इसी क्रम में वासदेव 'मोही', चंपा चेतनाणी और कैलाश शादाब भी सिंधी में कहानी पाठ करेंगे. ज्ञात हो कि वेबलाइन साहित्य श्रृंखला और काव्य-श्रृंखला को लेकर विभिन्न भारतीय भाषाओं के रचनाकारों में काफी उत्साह है, क्योंकि यह उनके लिए भी नई चीज है.