नई दिल्ली: संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार से संबद्ध दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी ने कैदियों के बीच राष्ट्रप्रेम की भावना भरने के लिए स्थानीय तिहाड़ जेल में 'देश प्रेम के स्वर कवि सम्मेलन' का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता सुप्रसिद्ध गीतकार डॉक्टर जय सिंह आर्य ने की. संचालन युवा कवि इंद्रजीत सिंह ने किया, तो संयोजन जेल नंबर दो के अध्यक्ष आदेश्वर कांत ने किया. इस अवसर पर बबीता गौड़ विशेष रूप से उपस्थित रहीं. कवि सम्मेलन में देशप्रेम की कविताओं से कैदियों के बीच राष्ट्र जागरण का भाव भरने की कोशिश करने वाले प्रमुख कवि थे देवेंद्र 'मांझी', सुनहरी लाल 'तुरंत', सुरेंद्र 'खास', शैल भदावरी एवं सुमेधा शर्मा. इस कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों व जेल नंबर 2 के कैदियों ने देशप्रेम से भरी रचनाओं का आनंद लिया. आदेश्वर कांत ने सभी कवियों का पुष्प गुच्छ द्वारा सम्मान किया.
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर जयसिंह आर्य ने जब पाकिस्तान को चेतावनी देता यह मुक्तक सुनाया, तो उसे करतल ध्वनि के साथ सुना गयाः
इक बार नहीं हम तो यह हर बार करेंगे,
तेरे गुरूर को भी तार-तार करेंगे.
बच करके जाएगा कहां ए पाक तू बता-
भारत के वीर तुझपे ऐसा वार करेंगे.
इसी तरह उन्होंने 'भारत के वीर अभिनंदन' पर भी एक मुक्तक सुनायाः
अपने वतन की आन के वंदन की बात कर,
माटी में महकते हुए चंदन की बात कर.
जिस ने बढ़ाया मान और सम्मान देश का-
इज्जत से अपने वीर अभिनंदन की बात कर.
आखिर में जेल अधीक्षक ने कवि सम्मेलन की सफलता पर सभी का आभार व्यक्त किया तथा सभी कवियों को उपहार स्वरूप कैदियों द्वारा बनाई गुझिया, बिस्कुट और अन्य सामान भेंट किया.