हम पुस्तकों के सागर के बीच में हैं और पुस्तकों का यह महाकुंभ विचारों से भरा हुआ है, वे विचार जो मानवता को शक्ति प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मेला एक ऐसी जगह है, जहां लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और नए विचारों को उत्पन्न करने के साथ-साथ उन्हें साझा करते हैं. उन्होंने कहा कि किताबें भारत के युवाओं को नए विचारों के साथ आगे बढ़ने में मदद करती हैं. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने प्रगति मैदान में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2020, एनडीडब्ल्यूबीएफ का उद्घाटन करते हुए यह बातें कहीं. इस अवसर पर महात्मा गांधूी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति गिरीश्वर मिश्र, नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव मदन मोहन, भारतीय व्यापार संवर्धन संस्थान 'आईटीपीओ' के कार्यकारी निदेशक राजेश अग्रवाल और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
इस वर्ष के मेले के विषय 'गांधी: लेखकों के लेखक' पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब हमें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है, हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं. दुनिया आज आतंकवाद सहित कई चुनौतियों का सामना कर रही है. उन्होंने कहा कि दुनिया, राष्ट्र, समाज और सभी व्यक्तियों को गांधी के बारे में उनकी दृष्टि तथा शांति और अहिंसा के दर्शन की आवश्यकता है. उन्होंने पुस्तकों और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए प्रकाशकों से आग्रह किया है, क्योंकि लोग किताबों से दूर जा रहे हैं, और एनडीडब्ल्यूबीएफ जैसा पुस्तक मेला सुनिश्चित करता है कि किताबें और पढ़ने की आदत कायम रहे. मंत्री ने इस तथ्य की सराहना की कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला यकीनन एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है और उन्हें उम्मीद थी कि यह मेला जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला बन जाएगा.