डुमराः डुमरा प्रखंड के माधोपुर रौशन गांव में शिवांगन पूजा समिति ने कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया. कवि सम्मेलन का आगाज गीतकार गीतेश की रचना ‘अपने पास हम ऐसा हुनर रखते हैं, दीया जलाकर सूरज के घर रखते हैं,' से हुआ. युवा कवि पंकज कुमार की गजल ‘रास्ते की तरह वो बदलते गये, मुसाफिरों की तरह हम भी चलते गये', ने महफिल को गति प्रदान की. युवा कवि कृष्णनंदन लक्ष्य की ‘अपने कोई जब रूठ जाते हैं तो सारे सपने सहज ही टूट जाते हैं' एवं मुकेश सत्यांश की रचना ‘इश्क के दर पे मैं नाकाम होता गया, अपनों में ही मैं बदनाम होता गया' ने महफिल को जवां बना दिया. पूर्वी चम्पारण से आये चर्चित शायर जफर हबीबी की गजल, ‘अब न हिन्दू न मुसलमान बनाया जाए, पहले इंसान को इंसान बनाया जाए' एवं मोतिहारी के ख्याति प्राप्त शायर डॉ. सबा शोख की ‘छठ तो आती है बिछड़ों को मिलाने के लिए, छठ तो आती है दूरी को मिटाने के लिए' ने खूब तालियां बटोरी.
इस कवि सम्मेलन सह मुशायरा में भूपेंद्र सिंह की दिलकश गजल, गुफरान राशिद के नज्म, डॉ. मोहनकांत मिश्रा के मैथिली गीत एवं सुजीत कुमार की पर्यावरण संबंधी रचना को भी भरपूर वाहवाही मिली. वरिष्ठ कवि रमाशंक मिश्र की 'अब जो भी अंजाम, मैंने रिस्क लिया है' को भी खूब ताली मिली. इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन विधान पार्षद रामेश्वर कुमार महतो, मुख्य अतिथि डीटीओ चितरंजन प्रसाद, पूर्व मुखिया नागेन्द्र सिंह, राम एकबाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, डॉ. रवीन्द्र कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. अध्यक्षता रमाशंकर मिश्र व मंच संचालन गीतकार गीतेश ने किया. स्वागत भाषण राकेश सिंह ने किया. इस अवसर विधायक सुनिल कुमार कुशवाहा ने कहा कि कवि सम्मेलन से समाज को नयी चेतना मिलती है. ऐसे आयोजन समाज के लिए सुखद संकेत हैं. मौके पर नंदलाल यादव, महंथ सिंह, भोला बिहारी, ऋषिकेष कुमार, नागेंद्र आडवाणी ने अतिथियों का स्वागत किया. धन्यवाद ज्ञापन नागेंद्र भारती ने किया.