नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने चंद्रशेखर- द लास्‍ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स'  पुस्तक का विमोचन किया. इस पुस्‍तक की रचना राज्‍यसभा के उपसभापति हरिवंश और श्री रवि दत्‍त बाजपेयी ने संयुक्त रूप से किया है. पुस्‍तक विमोचन समारोह संसद पुस्‍तकालय भवन के बालयोगी ऑडिटोरियम में हुआ. प्रधानमंत्री ने पुस्‍तक की प्रथम प्रति उपराष्‍ट्रपति एम.वेंकैया नायडू को भेंट की.इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने हरिवंश को इस पुस्‍तक की रचना करने के लिए बधाई देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने चंद्रशेखर के साथ जुड़ी कुछ यादें और उनके साथ हुई अपनी बातचीत के किस्‍से साझा किये.उन्होंने कहा कि चन्द्रशेखर एक सिद्धांत वाले व्यक्ति थे जिन्होंने अपने समय की मजबूत राजनीतिक पार्टी का विरोध करने में भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई, क्योंकि वे कुछ मामलों पर उस राजनीतिक पार्टी से असहमत थे.


उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि आज जब सिद्धांतनिष्ठ राजनीति का चिंतनीय ह्रास हो रहा है, मुझे विश्वास है कि युवा पीढ़ी के राजनेता और सांसद, चंद्रशेखर के जीवन से प्रेरणा लेंगे. उन्होंने बल देते हुए कहा कि आज यह आवश्यक है कि लोग ऐसे व्यक्तित्व और कृतित्व से प्ररेणा लें जिसने बदलती राजनीति में भी अपने राजनैतिक विचारों, विश्वासों, सिद्धांतों का समझौता नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सामान्य परिवार में जन्मे एक ऐसे लोकप्रिय राष्ट्रीय जननेता का जीवन वृत्त है. जिसके पास न कोई वंशानुगत राजनैतिक पृष्ठभूमि थी, न विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के अवसर, न समृद्ध वंश के संसाधन और न ही वर्ग, जाति, धर्म पर आधारित वोट बैंक. चंद्रशेखर के राजनैतिक आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वह हमेशा मानते थे कि राजनीति हाशिए पर खड़ी जनता की सेवा का माध्यम है, सिर्फ सत्ता मात्र प्राप्त करने का साधन नहीं. इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राज्य सभा के उपसभापति और पुस्तक के लेखक हरिवंश सहित अनेक मंत्री, सांसद एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित थे.