भोपालः मध्य प्रदेश सरकार राज्य ग्रंथालय बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. दरअसल मुख्य सचिव के रूप में एसआर मोहंती कार्यभार संभालने के बाद इस काम में तेजी आई है. कहा जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव रहने के दौरान मोहंती ने कुछ साल पहले भी इस लाइब्रेरी के लिए बहुत कोशिश की थी, पर तब वह लाइब्रेरी को फाइलों से आगे नहीं बढ़वा सके थे. नवंबर 2016 में जब वह माध्यमिक शिक्षा मंडल में चेयरमैन बनकर गए, तब भी उन्होंने एक कोशिश की और मंडल की बैठक में लाइब्रेरी के लिए उन्होंने 20 करोड़ का प्रावधान कराया. जब वह मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव बने तो उन्होंने तत्काल इस प्रस्ताव पर पहल की. प्रोजेक्ट तैयार हुआ. बजट में राशि रखी गई. मुख्य सचिव का कहना है कि अब सरकार टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर रही है. यह अत्याधुनिक सुविधाओं वाला ग्रंथालय होगा. स्कूल शिक्षा विभाग इसका काम देखेगा. इसके लिए जगह चिह्नित कर डिजाइन भी तैयार कर ली गई है.
इस लाइब्रेरी में दो लाख किताबें, ऑडियो-वीडियो में पढ़ने की सुविधा व सामग्री, माइक्रो फिल्म्स, बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए लेटेस्ट मल्टी मीडिया सेक्शन, रिसर्च व जर्नल होंगे. यहां एक बार में 2500 लोग बैठकर किताबें पढ़ सकेंगे. यह ग्रंथालय लगभग ढाई एकड़ जमीन पर बनेगा. इस पर 60 करोड़ की लागत आएगी. किताबों की संख्या के लिहाज से भी यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा ग्रंथालय होगा और पढ़ने वालों के लिए 24 घंटे खुला रहेगा. इस ग्रंथालय के साल 2020-21 तक पूरा होने की उम्मीद है. छह मंजिले ग्रंथालय के शुरुआती फ्लोर में पार्किंग होगी. इसके बाद के पांच फ्लोर लाइब्रेरी के होंगे. लाइब्रेरियन व विशेषज्ञ लक्ष्मीशरण मिश्रा के मुताबिक इस ग्रंथालय में 410 सीटों का एक बड़ा ऑडिटोरियम, जिसमें कार्यशाला, व्याख्यान, परिचर्चा, गोष्ठी व अन्य अकादमिक कार्यक्रम होंगे. 125 कारों की पार्किंग की सुविधा होगी. 200 लोगों के लिए कैफेटेरिया के साथ ही हर फ्लोर तल पर कॉफी काउंटर भी होगा.