देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में सरकार व प्रधानमंत्री के कामकाज का मूल्यांकन करती पुस्तकों के आने का क्रम जारी है। इसी कड़ी में डॉ सौरभ मालवीय की पुस्तक ‘विकास के पथ भारत’ भी आई है। ये वर्तमान केंद्र सरकार की योजनाओं और नीतियों के विषय में न केवल सरल ढंग से विस्तृत जानकारी देती है, बल्कि उनके क्रियान्वयन और परिणाम का मूल्यांकन भी करती है। मई 2014 में आकार लेने के बाद इस सरकार ने अनेक योजनाए शुरू की हैं, जिनको लेकर कई तरह के दावे भी उसकी तरफ से किए जाते रहे हैं, डॉ मालवीय की यह पुस्तक उन दावों की पड़ताल करती हुई प्रतीत होती है।
160 पन्नों की इस किताब में कुल 34 अध्याय हैं, जिनमें कृषि, स्वास्थ्य, सुरक्षा, आवास, आधारभूत ढांचे के निर्माण, रोजगार आदि विविध क्षेत्रों से सम्बंधित सरकार की अलग-अलग योजनाओं पर बात की गयी है। ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ के अध्याय से पुस्तक की शुरुआत होती है और आगे भी कृषि क्षेत्र से सम्बंधित योजनाओं पर लेखक ने विशेष ध्यान दिया है। इसके अलावा महिलाओं से जुड़ी योजनाओं जैसे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मातृत्व वंदना योजना, मातृत्व सुरक्षा अभियान, महिला शक्ति केंद्र योजना, शादी शगुन योजना आदि का भी सविस्तार वर्णन किया गया है। इस पुस्तक का एक मजबूत पक्ष यह है कि इसमें कई ऐसी छोटी-छोटी योजनाओं के विषय में बताया गया है, जिनका शायद बहुत से आम लोगों को नाम भी न मालूम हो। लेकिन इसी के साथ किताब का एक कमजोर पक्ष भी है, वो ये कि इसमें कई प्रमुख योजनाओं पर अपेक्षित विस्तार के साथ चर्चा नहीं की गयी है जैसे कि मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना आदि। ये योजनाएं अपने आप में बहुत महत्व रखती हैं और इनको लेकर सरकार की तरफ से दावे भी खूब किए जाते हैं, अतः इनपर एक-एक स्वतंत्र अध्याय रखा जा सकता था जो कि नहीं है। स्वच्छ भारत अभियान पर भी एक स्वतंत्र और विस्तृत अध्याय की कमी खलती है।
बहरहाल, सरकार की योजनाओं और नीतियों पर लिखते वक्त किसी भी लेखक के लिए संतुलित दृष्टिकोण रखना एक बड़ी चुनौती होती है। डॉ मालवीय अपनी पुस्तक में इस गुण का संतोषजनक ढंग से निर्वाह करते हैं। वे हवा में कोई बात नहीं कहते, बल्कि हर बात के साथ तथ्यात्मक आधार भी प्रस्तुत करते हैं। सरकार की योजनाओं के सकारात्मक पक्षों के साथ-साथ नकारात्मक पक्षों को भी उनकी कलम बाखूबी उजागर करती है। चुनाव के इस दौर में पिछले पांच साल में वर्तमान सरकार ने क्या किया, इस प्रश्न की पड़ताल करने के इच्छुक लोगों के लिए यह पुस्तक विशेष रूप से पठनीय है।
– पीयूष द्विवेदी
समीक्ष्य कृति – विकास के पथ पर भारत
लेखक– सौरभ मालवीय
मूल्य– 185 रुपये
प्रकाशक – यश पब्लिकेशन्स, दिल्ली