नई दिल्लीः युवाओं की साहित्य के प्रति जिज्ञासा अगर देखनी हो तो हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं के छात्रों और कक्षाओं की तरफ रुख करना चाहिए. दिल्ली जैसे महानगर में भी जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ इंडियन लैंग्वेजेज ने 'अपनी काव्य प्रतिभा को कैसे निखारें' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया तो लेखन के प्रति युवाओं का उत्साह देखते ही बना. आलम यह था कि इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ; रिसोर्स पर्सन के रूप में गए आशीष कंधवे ने अपनी खुशी का इजहार बकायदा सोशल मीडिया पेज पर भी किया. 'अपनी काव्य प्रतिभा को कैसे निखारें' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम का संयोजन और संचालन सी.आई.एल. में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूनम कुमारी ने किया. कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के लगभग 55 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.
कार्यक्रम के प्रथम चरण में उपस्थित प्रतिभागियों को 5 विषय दिए गए, जिन पर उनको 20 मिनट में अपने काव्य प्रतिभा का परिचय देना था. आशीष कंधवे के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय के गरिमा के अनुरूप प्रतिभागिओं ने अपने लेखन कौशल से विशेषज्ञों को अचंभित कर दिया. आशीष कंधवे और डॉ. पूनम कुमारी ने उन कविताओं को पढ़ा और उनकी विवेचना की. कुछ कविताएं बेहद ही प्रभावशाली रहीं. बाद में कंधवे ने साहित्य, सृजन, लेखन व काव्य विधा पर अपना उद्बोधन भी दिया और प्रतिभागी छात्रों की जिज्ञासा और शंकाओं का समाधान भी किया. संयोजक डॉ. पूनम कुमारी के अनुसार ऐसे आयोजन छात्र छात्राओं के लेखन विकास के लिए जरूरी हैं और विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ इंडियन लैंग्वेजेज की ओर से विशेषज्ञों और छात्रों के साथ ऐसे सार्थक और सकारात्मक कार्यक्रम किए जाते रहेंगे.