नई दिल्लीः भारतीय विदेश मंत्रालय के अधीन सांस्कृतिक संबंध परिषद ‘आईसीसीआर‘ द्वारा दिया जाने वाला ‘विश्व संस्कृत पुरस्कार समारोह‘ मंत्रालय के राजधानी स्थित जवाहरलाल नेहरू भवन के सी बी मुथम्मा हॉल में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शिरकत की और अपना भाषण संस्कृत में दिया. उन्होंने कनाडा में रहकर संस्कृत की सेवा कर रहे डॉ. अशोक अक्लूजकर को विश्व संस्कृत सम्मान प्रदान करते हुए इस भाषा के संवर्धन और विकास में उनकी भूमिका की सराहना की. इस अवसर पर आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे एवं आईसीसीआर के महानिदेशक अखिलेश मिश्र भी उपस्थित थे. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर के किया गया. आरंभ में गंधर्व महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वस्ति से वाचन हुआ.
याद रहे कि डॉ. अशोक अक्लूजकर ने पूना विश्वविद्यालय से संस्कृत और पाली का अध्ययन किया और स्नातकोत्तर की डिग्री ली. इसके बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय से संस्कृत और भारतीय अध्ययन विषय में शोध किया. साल 1969 से वह ब्रिटिश कोलंबिया युनिवर्सिटी में संस्कृत भाषा और पौराणिक और दार्शनिक साहित्य से जुड़े विषयों का अध्यापन कर रहे हैं. संस्कृत भाषा में उनके कई ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं. पिछले कई सालों से भर्तृहरि पर वह गहन अध्ययन कर रहे हैं. संस्कृत भाषा, साहित्य और पौराणिक विषयों पर उनके व्याख्यान पूरी दुनिया में चर्चित रहे हैं. बौद्ध , ब्राह्मण दर्शन, धर्म और पुराण पर किए गए उनके काम भी को भी बहुत सराहना मिली है.