दिल्ली: इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती द्वारा पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए कायराना आतंकी हमले को लेकर छद्म बुद्धिजीवियों एवं कलाकारों द्वारा दिए गए देशविरोधी वक्तव्यों के विरोध में राजघाट पर एक धरना का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के अध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़ ने की। प्रारंभ में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद वक्ताओं ने अपने संबोधन में नवजोत सिंह सिद्धू, कमल हासन जैसे छद्म बुद्धिजीवियों एवं कलाकारों द्वारा दिए गए देशविरोधी वक्तव्यों की जमकर भर्त्सना की। कार्यक्रम में एक प्रस्ताव पारित कर सरकार एवं समाज से ऐसे देशद्रोही बुद्धिजीवियों व कलाकारों का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया।
इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के अध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़ ने कहा कि एक तरफ हमारे जवान अपना सर्वस्व दांव पर लगाकर राष्ट्ररक्षा में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर, कुछ कथित बुद्धिजीवी व कलाकार देश व समाज को तोड़ने में लगे हैं। आज देश को ऐसे देशद्रोही बुद्धिजीवियों के विरोध में खड़े होने और बोलने की आवश्यकता है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कमलकिशोर गोयनका ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि शक्तिशाली राष्ट्र जीवित रहता है और कमजोर राष्ट्र मृत्यु को प्राप्त करता है। देश के अंदर बहुत गद्दार बैठे हुए हैं। पाक पर हमले से पूर्व इन गद्दारों को खत्म करना होगा। हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष श्री महेश शर्मा ने राष्ट्रीय विचार के साहित्यकारों से आह्वान किया कि वे अपनी लेखनी कविता-कहानी लिखने के लिए चलाते हैं लेकिन अभी राष्ट्र के लिए लेखनी चलाएं। उन्होंने कहा कि अराष्ट्रीय विचारधारा से जुड़े लोगों को समुचित उत्तर दिया जाए।
इस धरने में मंगल विमर्श पत्रिका के संपादक श्री ओमीश पोरुथी, इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के संरक्षक श्री मुन्नालाल जैन, उपाध्यक्ष श्री बिनोद बब्बर, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल आर्य, साहित्यकार श्री जय सिंह आर्य, डॉ. राजेंद्र राजा, श्री उमाकांत खोभालकर, श्री अशोक ज्योति, श्रीमती पूनम माटिया, डॉ. जितेंद्र कालरा, श्री तेजपाल धामा, डॉ. वेदप्रकाश, श्री नृत्यगोपाल, श्री संजीव सिन्हा सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, बुद्धिजीवी एवं कलाकार उपस्थित थे। इस धरने का संचालन इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के संगठन मंत्री श्री प्रवीण आर्य ने तथा धन्यवाद ज्ञापन महामंत्री श्री मनोज शर्मा ने किया।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित)