नई दिल्लीः राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा हर साल ही विश्व पुस्तक मेले में बच्चों के लिए कुछ खास किया जाता है. ऐसे ही आयोजन में शामिल था पुलिस को लेकर बच्चों से बातचीत, ताकि वे उन्हें अपना दोस्त समझें. पर इससे पहले बाल मंडप में पंजाबी इस्लामिया स्कूल के छात्रों द्वारा 'बालिका शिक्षा के महत्व' पर एक नाटक प्रस्तुत हुआ. इसके अतिरिक्त चेतना भारत से आए बच्चों द्वारा 'प्रदूषण' विषय पर एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. इस नाटक में बच्चों ने प्रदूषण के विभिन्न प्रकारों को दर्शाया. यहां जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा बच्चों के लिए एक कहानी-सत्र का आयोजन किया. कार्यक्रम में डॉ गौरी शंकर रैना और डॉ. उषा खेर ने कश्मीर की सुंदरता के बारे में बच्चों को बताया. वक्ताओं ने कश्मीरी भाषा में भी कुछ कविताओं को पढ़ा और बच्चों को कविताओं का अर्थ समझाया. कार्यक्रम का समापन नवरतन फाउंडेशन के बच्चों द्वारा एक अद्भुत कथक नृत्य से हुआ.
दिल्ली सोसाइटी फॉर द वेलफेयर ऑफ स्पेशल चिल्ड्रन से आए दिव्यांग बच्चों द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ विषय पर नाटक प्रस्तुत किया गया. इसके अतिरिक्त, संगीता‘ज़ इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा संगीत और नृत्य के माध्यम से कहानी प्रस्तुत की गई. यहां बच्चों ने सरस्वती वंदना पर भी नृत्य प्रस्तुति दी. कथा इंडिया तथा उड़ान फाउंडेशन के बच्चों ने बाल मंडप की विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया. एनबीटी द्वारा बाल मंडप पर कार्यकर्ता राजीव रंजन के साथ एक बातचीत का आयोजन किया गया, जहां राजीव रंजन ने भारत में पुलिस की भूमिका के बारे में बात की. उन्होंने समझाया कि पुलिस किसी दूसरे ग्रह से नहीं आती है, वे हमारे बीच के ही लोग हैं. हमें उनके साथ अजनबी व्यवहार नहीं करना चाहिए.