कोलकाता: महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता ने पिछले दिनों 'प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भाषा' विषय पर व्याख्यान आयोजित कराया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता थे दिल्ली से आए प्रतिष्ठित पत्रकार राहुल देव. राहुल देव ने भाषा की महत्ता पर चर्चा करते हुए कहा कि " भाषा का सम्मान हमारे अपने हाथों में है. अगर हम हिंदी के मान-सम्मान की बात करते हैं, तो हमें यह ध्यान देना ही होगा कि क्या कोई अंग्रेजी अखबार या न्यूज़ चैनल रिपोर्टिंग करते हुए हिंदी के शब्दों का प्रयोग करता है? अगर नहीं, तो यह सवाल उठेगा ही कि तब क्यों हिंदी के अखबार या न्यूज़ चैनल रिपोर्टिंग करते हुए अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग करते हैं? हिंदी में शब्दों की कमी है? नहीं, ऐसा कतई नहीं है."
उन्होंने आगे कहा कि "जब कोई इस तरह से अंग्रेजी का प्रयोग करता है तो वह हिंदी की हत्या कर रहा होता है. कड़े शब्दों में इसे मैं कहूं तो कह सकता हूं कि वह हिंदी का शीलभंग करने का अपराधी है."
महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कोलकाता क्षेत्रीय केंद्र के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि "हम सबको सचेत अवस्था में भाषा का व्यवहार करने की आदत डालनी होगी." भाषा की विशेषताओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि "हमारी भाषा हमें बोलती है हम भाषा को नहीं बोलते. जब कोई भाषा मरती है तो वह समाज मर जाता है." इस अवसर पर कोलकाता क्षेत्रीय केंद्र के अतिथि प्राध्यापक प्रोफेसर अमरनाथ शर्मा ने उन्हें सूत की माला व गांधी के चरखे का प्रतिरूप देकर सम्मानित किया. लेखक, पत्रकार, शिक्षक राकेश श्रीमाल ने उनके साथ बिताए अपने अनुभव के बारे में बताया. केंद्र के प्रभारी डॉक्टर कृपाशंकर चौबे ने राहुल देव के पत्रकारिता जीवन से छात्रों का परिचय कराया. कार्यक्रम का संचालन केंद्र के सहायक प्राध्यापक डॉ सुनील कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्रोफेसर श्रीमती पूजा शुक्ला ने दिया. इस व्याख्यान के अवसर पर केंद्र के सभी छात्र एवं शोधार्थी शामिल हुए.