नई वाली हिंदी और बेस्टसेलर के इस दौर में उपन्यासों और कहानी संग्रहों के नाम भी बेहद दिलचस्प हो गए हैं। हाल ही में कुछ ऐसी किताबें आई हैं जो अपने शीर्षक की वजह से पाठकों को लुभा रही हैं। कम से कम चौंका तो रही ही हैं। ऐसा ही एक कहानी संग्रह है, चुगलखोर दिल। इसका संकलन मदन सोनी ने किया है और मंजुल पब्लिशिंग हाउस ने प्रकाशित किया है। इस कहानी संग्रह में वॉल्तेयर, मोपासां, टॉमस मान, काफ्का, हेमिंग्वे और प्रेमचंद जैसे दिग्गजों की कहानियां संकलित हैं। इन कहानियों को पढ़ते हुए अलग अलग देशों में कथालेखन की अलग अलग शैली के बारे में पता चलता है। लेकिन शीर्षक चुगलखोर दिल एक बार पाठकों को किताब उठा लेने के लिए तो उकसाता ही है। जानकारों का कहना है कि प्रकाशन जगत में मार्केटिंग की भूमिका पहले से ज्यादा अहम् हो गई है | इस लिहाज से किताब के कवर और शीर्षक को भी जानदार बनाया जाने लगा है, जिससे वो जल्द से जल्द पाठकों की जुबां पर चढ़ जाए | ऐसी ही कुछ किताबें हैं ‘हमन है इश्क मस्ताना’ (हिंद युग्म), ’11वीं ए के लड़के’, ‘वैलेंटाइन बाबा’ (राजकमल प्रकाशन), ‘द चिरकुट्स (हिन्द युग्म)’ इत्यादि |
पहले कहानी की किताबों का शीर्षक अधिकतर उस संग्रह में शामिल किसी कहानी के नाम पर रखा जाता रहा है, और ज्यादा से ज्यादा ऐसे नाम को तवज्जों दी जाती है जिसे ‘मार्केटिंग टीम’ पचा सके | उपन्यासों, कथेतर और अनुवाद के मामले में दूसरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है | वहां किताब से जुड़े लोग जैसे लेखक, संपादक, अनुवादक इत्यादि से कुछ नाम लेकर उन पर विचार किया जाता है| और फिर किसी एक मुनासिब नाम का चयन होता है | उदहारण के तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता, चीनी लेखक मो यान के उपन्यास ‘चेंज’ का जब हिंदी अनुवाद तैयार हुआ तो उसके शीर्षक की बारी आई | ‘चेंज’ के कई हिंदी अनुवादों पर बात की गई लेकिन वो बात नहीं बनी, जो एक ट्रक और उससे जुड़े नायक के आपसी रिश्ते को बयां कर पाए | तभी संपादन टीम से ‘हम, तुम और ट्रक’ शीर्षक अनुवादक पुष्पेश पन्त को भेजा गया और उन्होंने सहर्ष उसे ‘हम, तुम और वो ट्रक’ में संशोधित कर हरी झंडी दे दी। किसी भी किताब को शीर्षक देने से पहले उसके ‘टारगेट रीडर्स’ को ध्यान में रखना पड़ता है | अगर किताबें युवाओं को ही ध्यान में रखकर तैयार की जा रही हैं, तो उनके नाम भी ऐसे होने चाहिए जो आसानी से उनकी जुबां पर चढ़ जाएँ | ऐसी कुछ और किताबें हैं ‘नॉन रेजिडेंट बिहारी’, ‘गंदी बात’, ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’, ‘वोटर माता की जय’ आदि ।
‘नाम’ या ‘शीर्षक’ से जुड़ी आपकी भी कोई मजेदार कहानी हो तो हमारे साथ यहाँ साझा कीजिये | उनमें से कुछ दिलचस्प बयानगी को हम अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे |