तिरुवनंतपुरम: प्रसिद्ध मलयालम लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर जिस तरह केरल राज्य ने दो दिन के आधिकारिक शोक की घोषणा की और प्रधानमंत्री सहित विपक्ष के नेताओं ने शोक संवेदना प्रकट की, वैसा साहित्य के क्षेत्र में कम देखने को मिलता है. 91 साल की उम्र में मलयालम के इस दिग्गज लेखक के निधन की सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि “मलयालम सिनेमा और साहित्य की सबसे सम्मानित हस्तियों में से एक एमटी वासुदेवन नायर जी के निधन से दुखी हूं. मानवीय भावनाओं के गहन अध्ययन के साथ उनके कार्य ने कई पीढ़ियों को आकार दिया है और भविष्य में भी लोगों को प्रेरित करते रहेंगे. उन्होंने मूक और वंचित वर्ग के लोगों को आवाज़ भी दी. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ॐ शांति.” उधर केरल सरकार ने मलयालम लेखक एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर दो दिन के आधिकारिक शोक की घोषणा की. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लेखक के सम्मान के तौर पर कैबिनेट बैठक सहित सभी सरकारी कार्यक्रमों को स्थगित करने का निर्देश दे दिया.

याद रहे कि एमटी वासुदेवन नायर को एमटी के नाम से भी जाना जाता था. आधुनिक मलयालम साहित्य के एक विपुल और बहुमुखी लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक के तौर पर काफी प्रसिद्ध थे. उन्होंने सात फिल्मों का निर्देशन किया है और लगभग 54 फिल्मों की पटकथा लिखी. हाल ही में, केरल सरकार ने उन्हें साहित्य और फिल्म क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया. मलयालम साहित्य में उनके समग्र योगदान के लिए उन्हें 1995 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. प्रियंका गांधी ने भी वासुदेवन नायर के निधन पर शोक प्रकट करते हुए एक्स पर लिखा कि एमटी वासुदेवन नायर के निधन के साथ, हम उस प्रतिभा को अलविदा कह रहे हैं जिसने साहित्य और सिनेमा को सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के शक्तिशाली माध्यमों में बदल दिया. उनकी कहानियों में मानवीय भावनाओं की गहराई और केरल की विरासत का सार समाहित है. हमारी कला और साहित्य के एक सच्चे संरक्षक, उनकी क्षति को पूरा देश गहराई से महसूस कर रहा है. हम उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं. उनकी विरासत उनके द्वारा बताई गई हर कहानी और उनके द्वारा छुए गए विषय हर दिल में जीवित रहेंगे.