पटना: साहित्य कला और संस्कृति को समर्पित संस्था ‘पाटल‘ और बापू टावर्स के संयुक्त तत्वावधान में ज्योतिष जोशी की पुस्तक ‘आधुनिक कला आंदोलन‘ पर ‘पाटल संवाद‘ का आयोजन हुआ. पाटल के संयोजक डा विनय कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संवाद की प्रस्तावना रखी. डा कुमार ने कहा कि कला मनुष्य की आदिम अभिव्यक्ति है इसलिए उसके स्वभाव में आदिम और असीम आजादी है. सभ्यता के विकास के क्रम में बनी संस्थाओं ने उसकी आजादी को सीमित किया और कला की पहुंच और उड़ान को सीमित किया. लगभग सारे कला आंदोलन इन सीमाओं के अतिक्रमण की कोशिश में हुए. ज्योतिष जोशी की यह किताब लगभग तीन सौ सालों की यूरोपीय और भारतीय कला यात्रा को बखूबी समेटती है. कुमार ने कला लेखन के क्षेत्र में ज्योतिष जोशी के काम को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक महत्त्वपूर्ण किताब है और कला आंदोलनों के इतिहास को  बारीकी और विस्तार के साथ दर्ज करती है. उन्होंने आग्रह किया कि इक्कीसवीं सदी की भारतीय कला पर भी सामग्री आनी चाहिए.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कलाविद अशोक भौमिक थे. उन्होंने यूरोप के आधुनिक कला आंदोलनों के साथ ही कला के विविध पक्षों पर विस्तार से बात की. पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से चित्र दिखाते हुए उन्होंने समझाया कि कला में आधुनिकता का अर्थ कला में आम आदमी का  प्रवेश और उसके जीवन का सम्मान है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चित्र को कथा की आवश्यकता नहीं. चित्र अपने आप में एक पूर्ण रचना होती है. उन्होंने यह भी कहा कि चित्रकला के साथ एक अजीब बात है कि वह एक कमोडिटी में बदल सकती है. पुस्तक के लेखक ज्योतिष जोशी ने कहा कि यह एक बड़ा काम था जो मेरे हाथों संपन्न हुआ और आगे भी इस पर काम करने की कोशिश होगी. उन्होंने कला के आधुनिक प्रयोगों पर विस्तार से काम करने की योजना के बारे में भी खुलकर बताया. संचालन कला महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य अजय पांडेय ने किया. कार्यक्रम में कला-संस्कृति से जुड़े महत्त्वपूर्ण लोगों में प्रो तरुण कुमारविनोद अनुपममिलन दासअनीश अंकुरसंतोष दीक्षितकुमार मुकुलराजेश कमलअंचित आदि शामिल हुए.