नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों की कार्यवाही तथा निर्णयों का हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में अनुवाद और प्रकाशन जारी. संसद सत्र के दौरान सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय भाषाओं में निर्णयों की उपलब्धता से जुड़े प्रशन पर अनुवाद के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग पर बेहद रोचक जानकारी मिली. विधि एवं न्याय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार- अर्जुन राम मेघवाल ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायिक दस्तावेजों के अनुवाद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भाषा प्रौद्योगिकी के उपयोग को अपनाया है. फरवरी 2023 से संविधान पीठ के मामलों में मौखिक दलीलों को लिखने के लिए भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल किया जा रहा है. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के महत्त्वपूर्ण निर्णयों के स्थानीय भाषाओं में अनुवाद की निगरानी के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है. अनुवाद की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए समिति न्यायाधीशों वाली उच्च न्यायालयों की उप-समितियों के साथ नियमित बैठकें कर रही है.

उच्च न्यायालयों की कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुवाद समितियां सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के निर्णयों का स्थानीय भाषा में अनुवाद करने से संबंधित संपूर्ण कार्य की निगरानी कर रही हैं. अब तक 17 उच्च न्यायालयों ने ई-हाईकोर्ट रिपोर्ट  और ई-भारतीय विधि रिपोर्ट की शुरुआत की है. उच्च न्यायालयों की कृत्रिम बुद्धिमत्ता समितियों को सूचित किया गया है कि वे संबंधित राज्य सरकारों से अनुरोध करें कि वे सभी केंद्रीय और राज्य विधाननियमविनियम आदि का क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद करें और इसे राज्य की वेबसाइट पर डालें ताकि आम आदमी को इसे क्षेत्रीय भाषा में पढ़ने में मदद मिल सके. सभी राज्य सरकारों पर यह भी जोर दिया गया है कि वे निर्णयों के अनुवाद के काम में संबंधित उच्च न्यायालयों को पूरा सहयोग देंक्योंकि यह भारत के संविधान के तहत परिकल्पित ‘न्याय तक पहुंच‘ का हिस्सा है. अब तक सर्वोच्च न्यायालय के 36316  निर्णयों का हिंदी भाषा में अनुवाद किया गया है और सर्वोच्च न्यायालय के 42457 निर्णयों का अन्य 17 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है और ये ई-एससीआर पोर्टल पर उपलब्ध हैं. इस अनुवाद परियोजना के लिए सर्वोच्च न्यायालय को कोई अलग धनराशि स्वीकृत नहीं की गई है.