नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित ‘पुस्तकायन‘ पुस्तक मेले में साहित्यिक, सांस्कृतिक और गोष्ठियों का कार्यक्रम हर दिन जारी है. साहित्यिक कार्यक्रम के तहत हुए ‘आदिवासी लेखक सम्मेलन‘ की अध्यक्षता प्रख्यात संताली लेखिका यशोदा मुर्मू ने की. इस कार्यक्रम में जिम डब्ल्यू कसोम तथा प्रिस्का टोप्पो ने अपनी कविताएं हिंदी अनुवाद के साथ प्रस्तुत कीं, जो आदिवासी समुदाय की मनोदशा को रूपांकित करने वाली थी. गीत संध्या राजेंद्र गौतम की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें जगदीश पंकज, कल्पना मनोरमा, ओम निश्चल, विजय किशोर मानव ने अपने-अपने गीत प्रस्तुत किए. सभी गीतों में आमजन की वर्तमान समय-विरोधी छवियों को प्रस्तुत किया गया था. ‘अस्मिता‘ नामक कवयित्री सम्मिलन प्रख्यात ओड़िआ लेखिका यशोधारा मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जिसमें अंजु रंजन, मालविका जोशी, नीलांचली सिंह, सरोजिनी बेसरा एवं ए साथिया सारदामणि ने अपनी-अपनी भाषाओं में एवं अनुवाद सहित कविताओं का पाठ किया. गजल संध्या कार्यक्रम ज्ञानप्रकाश विवेक की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें हरेराम समीप, कमलेश भट्ट कमल, सविता चड्ढा और विज्ञान व्रत ने अपनी गजलों का पाठ किया.
अध्यक्षीय उद्बोधन में ज्ञानप्रकाश विवेक ने कहा कि वर्तमान हिंदी गजल में आधुनिकता बोध अपनी सबसे ऊंचाई पर है जो उसकी बहुत बड़ी उपलब्धि है. उनका एक शेर जो खूब पसंद किया गया वह था ‘दस्तकें दर पर बहुत देर तलक दी उसने, काश एक बार नाम मेरा पुकारा होता.‘ विज्ञान व्रत की पंक्तियां थीं ‘एक सच है मौत भी, वह सिकंदर है तो है‘. हरेराम समीप ने अद्भुत संवेदना से भरी गजल सुनाईं. कमलेश भट्ट कमल की पंक्तियां थीं, ‘सलीका जिंदगी जीने का आता ही नहीं तुमको, कि सुख भी हैं कई इन कष्टों की दुनिया में‘. सविता चड्ढा की पंक्तियां थीं, ‘दुनिया लाख बुरी हो लेकिन, हमें यहीं रहना होता है‘. सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत आद्या सिंह ने लोक वाद्य नगाड़ा की प्रस्तुति दी और शांभवी महेश ने ओडिसी नृत्य में रामाभिषेक और शिवतांडव प्रस्तुत किया. इसी तरह अभिज्ञा बेडतूर ने वायलिन वादन प्रस्तुत किया, जिसमें तबले पर संगत रोमान खान ने दी. उसके बाद कनिका भट्ट ने भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत किया. उनके नृत्य में दो विभिन्न भावों – कृष्ण का वात्सल्य और दुर्गा के रौद्र रूप को प्रस्तुत किया गया था, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया. दोनों ही कलाकार सीसीआरटी की छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं.