नई दिल्ली: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने ‘हिंदी भाषा का मानकीकरण और देवनागरी लिपि’ पर एक कार्यशाला आयोजित की गई. व्याख्याता के रूप में केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो की लेखा शरीन, सहायक निदेशक को आमंत्रित किया गया था. शरीन ने हिंदी भाषा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए सत्र का आरंभ किया. उन्होंने कहा कि हिंदी हमें हमारे समृद्ध इतिहास, साहित्य और परंपराओं से जोड़ती है. हिंदी दुनिया भर में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाती है, जो इसे दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक बनाता है.

शरीन ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाती है और हमें विश्व में एक अलग पहचान दिलाती है. उन्होंने इस अवसर पर हिंदी भाषा की विकास यात्रा, उसके मानकीकरण की प्रक्रिया और देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता को कई रोचक उदाहरणों के माध्यम से समझाते हुए कार्यशाला को रोचक व आकर्षक बनाए रखा. कार्यशाला में मंत्रालय के साथ साथ अधीनस्थ कार्यालय के भी अधिकारी, कर्मचारीगण शामिल थे.