नई दिल्ली: “हमारे भारत की ये विशेषता रही है कि यहां जब-जब भी मुश्किल समय आया है, कोई न कोई ऋषि, महर्षि, संत, महात्मा उसी काल में अवतरित हुआ है.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के वडताल में श्री स्वामीनारायण मंदिर के 200वें वर्षगांठ समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि भगवान स्वामीनारायण का आगमन भी एक ऐसे समय में हुआ था जब देश सैकड़ों वर्ष की गुलामी के बाद कमजोर हो चुका था. अपने आप में विश्वास खो चुका था. खुद को ही कोसने में डूबा हुआ था. तब भगवान स्वामीनारायण ने हमें उस कालखंड के सभी संतो ने हमें नई आध्यात्मिक ऊर्जा तो दी है. उन्होंने हमारे स्वाभिमान को जगाया हमारी पहचान को पुनर्जीवित किया. इस दिशा में शिक्षापत्री और वचनामृत का योगदान बहुत बड़ा है. उनकी शिक्षा को आत्मसात करना, उसे आगे बढ़ाना, यह हम सब का कर्तव्य है. प्रधानमंत्री मोदी ने कि हर व्यक्ति के जीवन का एक उद्देश्य होता है, लाइफ का कोई परपज होता है. यह उद्देश्य ही हमारे जीवन को निर्धारित करता है. हमारे मन, कर्म, वचन को प्रभावित करता है. जब हमें हमारे जीवन का उद्देश्य मिल जाता है, तब पूरा जीवन बदल जाता है. हमारे संत-महात्माओं ने हर युग में मानव को उसके जीवन के उद्देश्यों से साक्षात्कार कराया है. यह संत महात्माओं का हमारे समाज को बहुत बड़ा योगदान रहा है. जब किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए पूरा समाज, पूरा देश एकजुट हो जाता है, तो वह जरूर पूरा होता है और पहले कई उदाहरण हैं. हमने यह करके दिखाया है. हमारे संतो ने करके दिखाया है. हमारे समाज ने करके दिखाया है. हमारे धार्मिक संस्थानों ने करके दिखाया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी देश अपनी विरासत पर गर्व करते हुए, उसका संरक्षण करते हुए ही आगे बढ़ सकते हैं और इसलिए हमारा तो मंत्र है विकास भी, विरासत भी . हमें खुशी है कि आज हमारी विरासत के हजारों साल पुराने केंद्रों का गौरव लौट रहा है, जिसे नष्ट मान लिया गया था वो फिर से प्रकट हो रहा है. अब अयोध्या का उदाहरण सबके सामने है. 500 साल के बाद एक सपना पूरा होना मतलब 500 साल तक कितनी ही पीढ़ियों ने उस सपने को जीया है. उस सपने के लिए जूझते रहे हैं, जरूरत पड़ी बलिदान देते रहे हैं, तब जा के हुआ है. आज काशी का और केदार का जो कायाकल्प हुआ है, ये उदाहरण हमारे सामने हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पावागढ़ में 500 साल बाद धर्म-ध्वजा फहरी, 500 साल बाद… हमारा मोढेरा का सूर्य मंदिर देख लीजिए, आज हमारा सोमनाथ है, देख लीजिए. चारों तरफ, एक नई चेतना, नई क्रांति के दर्शन हो रहे हैं. इतना ही नहीं हमारे देश से चोरी हुई सैकड़ों साल पुरानी मूर्तियां, कोई पूछने वाला नहीं था, आज ढूंढ-ढूंढ कर के दुनिया से हमारे जो मूर्तियां चोरी गई, हमारे देवी-देवताओं के रूपों को चोरी कर लिया गया था. वो वापस आ रही हैं, हमारे मंदिरों में लौट रही हैं. और हम गुजरात के लोग तो धोलावीरा को लेकर के कितना गर्व करते हैं. लोथल को लेकर के कितना गौरव करते हैं कि ये हमारे प्राचीन गौरव की विरासत है. अब उसको भी पुनः स्थापित करने का काम हो रहा है और भारत की सांस्कृतिक चेतना का ये अभियान, ये केवल सरकार का अभियान नहीं है. इसमें इस धरती को, इस देश को प्यार करने वाले, यहां की परंपरा को प्यार करने वाले, यहां की संस्कृति का गौरव करने वाले, हमारे विरासत के गुणगान करने वाले, हम सबका दायित्व है. हम सब की बहुत बड़ी भूमिका है और आप तो बहुत बड़ी प्रेरणा दे सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वड़ताल धाम में भगवान स्वामीनारायण की अधिक वस्तुओं का म्यूजियम अक्षर भुवन, यह भी इसी अभियान का एक हिस्सा है और मैं इसके लिए आप सबको बहुत बधाई देता हूं क्योंकि म्यूजियम नई पीढ़ी के लोगों को बहुत ही कम समय में परिचित करवाता है. मुझे विश्वास है अक्षर भुवन भारत के अमर आध्यात्मिक विरासत का एक भव्य मंदिर बनेगा.