मैसूरु: मैसूरु संगीत सुगंध महोत्सव के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथियों ने कर्नाटक संगीतकन्नड़ संस्कृति और दास परंपरा में कर्नाटक की समृद्ध विरासत का उत्‍सव मनाया. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित इस महोत्सव ने मैसूर को सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया हैजो भारत की संगीत और सांस्कृतिक विरासत में कर्नाटक के अद्वितीय योगदान को उजागर करता है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर खुशी व्यक्त की और मैसूरु को कर्नाटक की कला और संस्कृति के लिए ‘मुख्‍य केंद्र‘ के रूप में सराहा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास और विरासत के दृष्टिकोण पर बल देते हुए कहा कि कर्नाटक के सांस्कृतिक संवर्धन को आर्थिक विकास के साथ-साथ चलना चाहिए. सीतारमण ने एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल पर बल दियाजिसका उद्देश्य भारत की विविध संस्कृतियों के बीच एकता को बढ़ावा देना है. उन्होंने दास परंपराविशेष रूप से कर्नाटक संगीत में पुरंदरदास की मूलभूत भूमिका को स्वीकार कियाऔर दुनिया भर के कन्नड़ लोगों से मैसूर के संगीत और चंदन की विरासत का उत्‍सव मनाते हुए डिजिटल रूप से त्योहार से जुड़ने का आग्रह किया. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने मैसूर के सांस्कृतिक महत्त्व का सम्मान करते हुए कहा कि भारत की ‘साफ्ट पावर‘ इसके संगीत और कला में निहित हैजो यात्रियों के बीच गहराई से जुड़ी हुई है. उन्होंने सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरे भारत में इसी तरह के त्योहारों की कल्पना करते हुएपर्यटन मंत्रालय में संगीत कार्यक्रमों को पर्यटन की पेशकश में शामिल करने की सराहना की. गोपी ने कर्नाटक की संगीत विरासत के माध्यम से दर्शकों को प्रेरित करने और एकजुट करने के मंच के रूप में महोत्सव की सराहना की.

समाज कल्याण मंत्री और मैसूरु जिला प्रभारी डा एचसी महादेवप्पा ने कर्नाटक की लंबे समय से चली आ रही उस संगीत विरासत का उत्‍सव मनायाजिसमें कर्नाटक संगीत की उत्पत्ति विजयनगर युग में हुई थी. उन्होंने कर्नाटक की विविधता में एकता पर बल दियाजहां भाषाएंपरंपराएं और व्यंजन मिलकर जीवंत सांस्कृतिक पहचान बनाते हैं. डा महादेवप्पा ने सामाजिक सद्भाव और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने में मैसूर संगीत सुगंध जैसे त्योहारों की भूमिका की जानकारी दीऔर मैसूर को सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र बनाने में पर्यटन मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की. मैसूर के सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार ने मैसूर के ऐतिहासिक महत्त्व पर बल देते हुए उत्सव के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने संगीत में वाडियार परिवार के योगदानविशेष रूप से जयचामराज वाडियार की कर्नाटक रचनाओं की जानकारी दीऔर ‘संगीत पितामह‘ पुरंदर दास को श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके संबोधन ने कर्नाटक संगीत के केंद्र के रूप में मैसूर की भूमिका को मजबूत किया और उनके मूलभूत प्रभाव के लिए कर्नाटक के हरिदास को स्वीकार किया. पर्यटन मंत्रालय में अपर सचिव सुमन बिल्ला ने स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में मैसूर के चयन पर बल देते हुए उपस्थित लोगों का स्वागत किया. उन्होंने त्योहार में कर्नाटक के जीआई टैग वाले शिल्पवस्त्र और व्यंजनों के उत्सव की जानकारी दीजो राज्य की समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं. बिल्ला ने मैसूर की सांस्कृतिक प्रमुखता को बढ़ाने और कर्नाटक की विविध परंपराओं का जश्‍न मनाने के उद्देश्य से इस उत्सव के आयोजन में समर्थन के लिए कर्नाटक पर्यटन विभागविभिन्न मंत्रालयों और संगीत नाटक अकादमी को धन्यवाद दिया.