नई दिल्ली: संस्कृति मंत्रालय की अमृत परम्परा शृंखला के अंतर्गत सांस्कृतिक उत्सव के एक प्रमुख प्रतीक ‘कावेरी गंगा मिलन’ उत्सव के अंतिम दिन कर्तव्य पथ और सीसीआरटी द्वारका में कई शानदार कार्यक्रम आयोजित किए गए. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कर्तव्य पथ पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. महोत्सव के चौथे और अंतिम दिन का समापन शानदार प्रस्तुतियों के साथ हुआ, जिनमें से प्रत्येक प्रस्तुति भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं की समृद्धि का जीवंत रूप था. कर्तव्य पथ पर शाम की शुरुआत केरल के प्रसिद्ध पेरुमानूर नेरारिवु समूह के एक जोशीले लोक प्रदर्शन से हुई, जिसमें राज्य की समृद्ध लोक परंपराओं को दर्शाया गया. इसके बाद कर्नाटक के जयतीर्थ मेवुंडी द्वारा भावपूर्ण हिंदुस्तानी गायन प्रस्तुति दी गई, जिसमें कर्नाटक की पारंपरिक विरासत का सार प्रस्तुत किया गया. महान सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान, अमान अली बंगश और अयान अली बंगश ने मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को अभिभूत कर दिया. इस कार्यक्रम का समापन करते हुए, तमिलनाडु की भरतनाट्यम कलाकार मीनाक्षी श्रीनिवासन ने अपने नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जो भरतनाट्यम के प्राचीन रूप और इसकी आध्यात्मिकता को दर्शाता है.
इसके साथ ही सीसीआरटी द्वारका में शाम की शुरुआत कथक केंद्र और शास्त्रवत रावण द्वारा एक प्रभावशाली कथक प्रदर्शन के साथ हुई, जिसमें सशक्त कला चित्रण को दर्शाया गया. इसके बाद संध्या मनोज ने अपनी दक्षिणी गायन शैली से दर्शकों को भारतीय संगीत परंपराओं से अवगत कराया. सीसीआरटी द्वारका में इसका समापन महाराष्ट्र के राकेश चौरसिया के हिंदुस्तानी बांसुरी वादन कार्यक्रम से हुआ. कावेरी मीट्स गंगा उत्सव ने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य की समृद्धि को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया, जिससे दर्शकों को देश भर से कुछ बेहतरीन प्रस्तुतियाँ देखने का अवसर मिला. अमृत परम्परा जैसी पहलों के माध्यम से, संस्कृति मंत्रालय भारत की सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने और उसका प्रचार-प्रसार करने में व्यस्त है. कावेरी मीट्स गंगा महोत्सव ने एक अमिट छाप छोड़ी है, जिसने उपस्थित लोगों के बीच एकता और साझा सांस्कृतिक गौरव की भावना को बढ़ावा दिया है. अमृत परम्परा शृंखला के अंतर्गत अगले कार्यक्रमों के लिए तैयार रहें, क्योंकि भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान और उत्सव मनाने की यह यात्रा आगे भी जारी रहेगी.