विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश की पूर्व मंत्री गल्ला अरुणा कुमारी की आत्मकथा का औपचारिक विमोचन अल्लूरी विज्ञान केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम में संपन्न हुआ. लेखक अकादमी के तत्वावधान में आयोजित इस पुस्तक विमोचन समारोह और परिचर्चा में राज्य के साहित्य और सियासत जगत से जुड़ी कई हस्तियां मौजूद थीं. इस अवसर पर विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष यार्लागड्डा लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि उन्होंने अरुणा कुमारी की पुस्तक कई बार पढ़ी है. अरुणा कुमारी को ‘गुस्साई युवती‘ बताते हुए कहा उन्होंने कहा कि आमतौर पर कोई भी पुस्तक प्रस्तावना से शुरू होती है, लेकिन यह पुस्तक कवर पेज से शुरू होती है. प्रसाद ने कहा कि इस पुस्तक में गांव के जीवन से लेकर अमेरिका, अमेरिका से गांव तक और फिर अरुणा कुमार की राजनीतिक यात्रा की कथा तीन भागों में विभाजित है.
लक्ष्मी प्रसाद ने अमेरिका में अरुणा कुमारी और उनके पति रामचंद्र नायडू के साथ अपने परिचय को साझा किया. यार्लागड्डा ने बताया कि उन्हें एक घटना याद है, जब कनिपकम मंदिर में भ्रष्टाचार में शामिल एक कार्यकारी अधिकारी को कुमारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मर्री चेन्ना रेड्डी, जो उस समय अमेरिका में इलाज करा रहे थे, को सूचित करने के साथ ही स्थानांतरित कर दिया था. पुस्तक में एन चंद्रबाबू नायडू का नाम 44 बार आया है. उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के राजनीतिक करियर को आकार देने में अरुणा कुमारी के पिता राजगोपाल नायडू की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है. इस अवसर पर लेखिका अरुणा कुमारी ने कहा कि अपनी आत्मकथा में उन्होंने अपने राजनीतिक और व्यावसायिक यात्रा के साथ ही जीवन के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया है. कार्यक्रम में सेंचुरियन विश्वविद्यालय के चांसलर प्रोफेसर जीएसएन राजू, लेखक अकादमी के वीवी रमण मूर्ति, प्रोफेसर वी बालामोहन दास, बाल फिल्म निर्माता सुधारानी सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.