नई दिल्ली: “हमारी सांस्कृतिक पहचान का सार हमारे बुजुर्गों के ज्ञान और बुद्धिमत्ता की गहराई से निहित है. ‘आराधना‘ सिर्फ उम्र बढ़ने का उत्सव नहीं हैबल्कि भारत की परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने में हमारे वरिष्ठ नागरिकों के कालातीत योगदान के लिए एक श्रद्धांजलि है.” केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने यह बात राजधानी में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आराधना‘ में बतौर मुख्य अतिथि कही. वर्मा ने  अपने संबोधन में भारत की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यक भूमिका के बारे में बात की. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलनपारंपरिक मंगलाचरण और राष्ट्रगान के साथ हुई. एनजीओ अनुग्रह की अध्यक्ष डा आभा चौधरी ने दर्शकों का स्वागत कियागुरु शिष्य परंपरा को बढ़ावा देने में कार्यक्रम के महत्त्व पर जोर दिया और उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने भारतीय कला रूपों को संरक्षित करने में अपना जीवन बिताया है. वर्मा ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यक भूमिका के बारे में बात की. शाम के कार्यक्रम में मनमोहक प्रस्तुतियां हुईं जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सबसे यादगार क्षणों में से एक पंडित साजन मिश्रा द्वारा भावपूर्ण गायन थाजिसने भारतीय शास्त्रीय संगीत की स्थायी सुंदरता का प्रदर्शन किया.

इस कार्यक्रम में पूरे भारत के लोक नृत्यों का एक जीवंत समूह भी प्रदर्शित हुआजो देश की कलात्मक परंपराओं की विविधता और इन परंपराओं को बनाए रखने में वरिष्ठ कलाकारों की अभिन्न भूमिका का प्रतीक है. गुरु रंजना गौहर का ओडिसी नृत्य प्रदर्शन भी उतना ही मंत्रमुग्ध करने वाला थाजिसमें अभिव्यंजक कहानी कहने और पारंपरिक नृत्य आंदोलनों का मिश्रण थाजिसने शास्त्रीय भारतीय कला की कालातीत कृपा को दर्शाया. पूरे आयोजन के दौरानगणमान्य व्यक्तियों ने समाज के मूल्यों को आकार देने में उनके महत्त्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुएवरिष्ठ नागरिकों के लिए सम्मान और देखभाल को बढ़ावा देने के महत्त्व पर परिलक्षित किया. स्वास्थ्यवित्तीय सुरक्षा और सामाजिक समावेशन कार्यक्रमों के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों का समर्थन करने के लिए मंत्रालय की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई, ‘आराधना‘ ने इन प्रयासों को उजागर करने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य किया. कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ कलाकारों के सम्मान के साथ हुआजिन्हें भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए उनके आजीवन समर्पण के लिए सम्मानित किया गया. संयुक्त सचिव मोनाली धकाते ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया.