नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डा जितेंद्र सिंह ने छात्रों को 2047 के भारत का पथ प्रदर्शक बताया और उनसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘विकसित भारत 2047’ का नेतृत्व करने का आह्वान किया. सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हुए सुधारों ने भारतीय युवाओं को आत्मविश्वास से भर दिया है और विश्व स्तर पर उनका सम्मान बढ़ाया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कालेज में युवा प्रतिभाओं को प्रमाण-पत्र वितरण और सम्मान वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने पिछले दस वर्षों में युवाओं और छात्रों के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी दी. डा जितेन्द्र सिंह ने कहा, “यह एक अद्भुत यात्रा रही है, क्योंकि भारत 2014 से पहले कमजोर पांच से शीर्ष पांच में आने तक एक लंबा सफर तय कर चुका है.” उन्होंने कहा कि इस सरकार ने कार्यभार संभालने के बाद 100 दिनों के भीतर 15 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है, 12 औद्योगिक नोड विकसित किए जाएंगे, जिनमें 40 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा.

डा सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरकार की कमान संभालने के कुछ ही महीनों बाद स्व-प्रमाणन की पहल को याद किया. अब युवाओं को दस्तावेजों के प्रमाणीकरण के लिए किसी राजपत्रित अधिकारी के पास नहीं भटकना पड़ता. इससे इस सरकार का युवाओं पर कितना भरोसा है यह पता चलता है. आरोप थे कि लिखित परीक्षा में अच्छे अंक पाने के बावजूद सरकारी सेवा के इच्छुक उम्मीदवारों को साक्षात्कार में कम अंक मिल रहे थे.  सिंह ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे का समाधान निकाला और भारत सरकार की ग्रुप-सी सेवा और उससे नीचे की सेवाओं में साक्षात्कार का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है. स्टार्टअप के बारे में बोलते हुए डा सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने देश में इस अवधारणा को बढ़ावा और गति दी. 2014 से पहले केवल 350-375 स्टार्ट-अप थे, जो अब लगभग 3.75 लाख तक पहुंच चुके हैं. स्टार्टअप के मामले में हम अब दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं. उन्होंने कहा कि अगर भारत 2047 तक विकसित बनना चाहता है, तो उसे वैश्विक मानक स्थापित करने होंगे और देश ने इस दिशा में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है.