नई दिल्ली:यह पहल शिक्षा को समावेशी, सुलभ और किफायती बनाने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दृष्टिकोण को मजबूत करेगी. देश में बढ़ते डिजिटल उपयोग के साथ यह पहल सरकार केजीवन यापन में सुगमताके दृष्टिकोण का भी समर्थन करेगी.यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनसीईआरटी और अमेजान सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही. यह पहला ऐसा समझौता है, जो प्रमुख ई-कामर्स प्लेटफार्म पर मुद्रित मूल्य पर एनसीईआरटी की मूल पाठ्यपुस्तकों तक पहुंच सुनिश्चित करेगा. इस अवसर पर स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव प्राची पांडे, एनसीईआरटी के निदेशक प्रो दिनेश प्रसाद सकलानी, अमेजान के उपाध्यक्ष सौरभ श्रीवास्तव, अमेजान के सार्वजनिक नीति निदेशक अमन जैन और अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा अधिकारी भी उपस्थित थे. प्रधान ने कहा कि एनसीईआरटी वर्ष 1963 से लगभग 220 करोड़ पुस्तकें और पत्रिकाएं प्रकाशित करके भारत के शिक्षा परिदृश्य को आकार दे रहा है. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि एनसीईआरटी देश के लिए एक प्रमुख थिंक टैंक है. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ये किताबें अधिकतम खुद्रा मूल्य पर उपलब्ध होनी चाहिए.

प्रधान ने कहा कि एनसीईआरटी किताबों का प्रकाशन तीन गुना तक बढ़ाएगा और अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए 15 करोड़ किताबें प्रकाशित करेगा. उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी को 21वीं सदी की पाठ्यपुस्तकें विकसित करने का दायित्व सौंपा गया है. उन्होंने अमृत काल के 300 मिलियन विदयार्थियों के लिए सीखने को आनंदमय बनाने के महत्त्व पर बल देते हुए ई-पुस्तकों के विकास का आग्रह किया जो इंटरैक्टिव और एआई-संचालित हों और जिनमें टाकिंग बुक्स जैसे नवाचार शामिल हों. संजय कुमार ने शिक्षा में पाठ्यपुस्तकों के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए आवश्यक संसाधनों के लिए आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पाठ्यपुस्तकें अमेजान जैसे ई-कामर्स प्लेटफार्म के माध्यम से उपलब्ध कराई जानी चाहिए. सभी वर्गों की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें अमेजान एनसीईआरटी स्टोरफ्रंट पर उपलब्ध कराई जाएंगी. पाठ्यपुस्तकों की खुद्रा बिक्री पाठ्यपुस्तकों पर मुद्रित द्र से अधिक कीमत पर नहीं की जाएगी. अमेजान के विशाल डिलीवरी नेटवर्क के माध्यम से, विदयार्थी और स्कूल, यहां तक कि सबसे दूरद्राज के क्षेत्रों में भी, निर्धारित कीमतों पर पाठ्यपुस्तकें खरीद सकेंगे. यह आपूर्ति अंतराल, विलंबित उपलब्धता और पाठ्यपुस्तकों की क्षेत्रीय कमी की चुनौतियों का समाधान करेगा, जिससे शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित होगी. यह गठजोड़ एनसीईआरटी को अपनी पाठ्यपुस्तकों और अन्य शैक्षिक सामग्री की गुणवत्ता में सुधार के लिए ग्राहकों की समीक्षाओं और प्रतिक्रिया का लाभ उठाने में भी सक्षम बनाएगा.