शिलांग: “लोककथाएं किसी स्थान की संस्कृति और परंपरा का सार होती हैं. साथ ही, वे छोटी और पढ़ने में आसान होती हैं. पिछले कुछ वर्षों में, मैंने इस पुस्तक की लगभग 15 हजार से अधिक प्रतियां बेची हैं.” राज्य केंद्रीय ग्रंथालय में लगे उत्तर-पूर्व भारत के सबसे बड़े शिलांग पुस्तक मेले में यह बात कही नेशनल बुक एजेंसी के सुजीत सिंह ने. मेले में सभी भारतीय भाषाओं की पुस्तकों को खूब सराहा जा रहा है. बच्चे कामिक्स, बाल उपन्यास, कविता, कहानियों की पुस्तकें खरीद रहे हैं तो युवा सेल्फ हेल्प, फिक्शन-नान फिक्शन, क्लासिक हर विधा की पुस्तकें ले जाने के लिए आ रहे हैं. यहां खासी भाषा की पुस्तकों की मांग भी बहुत है, जिसमें एक नाम खासी साहित्यकार किन्फाम सिंग नान्गकिनरिह की पुस्तक ‘अराउंड द हर्थ’ का है, जो बच्चों, युवाओं, हर आयु वर्ग के पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय रही है. यह खासी लोककथाओं का संग्रह है और इसे स्थानीय पाठकों में बहुत लोकप्रिय पुस्तक है. सुजीत सिंह का कहना था कि नान्गकिनरिह की ‘अराउंड द हर्थ’ की बहुत मांग रही है. इसका एक कारण यह है कि मेघालय एक पर्यटन-केंद्रित राज्य है. पाठक इस स्थान और यहां की संस्कृति के बारे में जानना चाहते हैं.
खासी बुक एजेंसी के ईएस मजाओ के अनुसार, ‘अराउंड द हर्थ’ नान्गकिनरिह की पुस्तकों में सर्वश्रेष्ठ है और पुस्तक मेले में भी इसकी हमेशा से सबसे ज्याद डिमांड रही है.” नान्गकिनरिह की अन्य पुस्तकों में, ‘द डिस्टेंस आफ द अर्थ: ए जर्नी इनटू द हार्ट आफ द सिटी’ भी पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय है. इस पुस्तक को साहित्य के लिए प्रतिष्ठित जेसीबी पुरस्कार 2024 के लिए सूचीबद्ध किया गया है. नेशनल बुक एजेंसी के अनुसार, जेनिस पारियाट की ‘बोट्स आन लैंड’ को भी पाठक खूब पसंद कर रहे हैं. खासी भाषा और खासी साहित्यकारों की पुस्तकों की अब तक सबसे अधिक मांग रही है. खासी आथर्स सोसाइटी द्वारा लगाए गए स्टाल पर पिन्सकेम सिमली के अनुसार, ”शिलांग पुस्तक मेले में खासी भाषा की किताबें बड़ी लोकप्रिय रही हैं.” कालेज स्टूडेंट प्योरलीकेयर लिंगदोह के अनुसार, “मैं यहां की ट्राइब्स और भाषाओं के बारे में और जानना चाहती हूं. मैं खासी में और किताबें पढ़ रही हूं क्योंकि मैं चाहती हूं कि मेरी भाषा में सुधार हो.” किताबों के अलावा, पुस्तक मेले में हर दिन बच्चों और वयस्कों के लिए अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. दिन की शुरुआत सेंग खासी हायर सेकेंडरी स्कूल और मावंगप क्रिश्चियन मल्टीपरपज हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों द्वारा लोक नृत्य प्रदर्शन के साथ हुई. कठपुतली निर्माण कला सत्र भी काफी रोचक रहा.