नई दिल्ली: प्रख्यात कवि, लेखक और विद्वान केकी एन दारूवाला के निधन पर साहित्य अकादेमी ने शोक व्यक्त किया है. अकादेमी के सचिव के श्रीनिवासराव द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि उनके आकस्मिक निधन पर अकादेमी अत्यंत शोकग्रस्त है और अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि आधुनिक भारत के प्रसिद्ध कवियों में से एक केकी अमूर्त को मूर्त रूप देने में माहिर, एक उत्कृष्ट मानवतावादी थे. उनकी कविताएं एक दर्पण की भांति होती थीं और जब भी कोई उनकी कविताओं को पढ़ता था, तो वह दर्पण हमारे सामने आ जाता था. उस दर्पण में समाज का असली यथार्थ होता था, और कवि का स्वर सदैव आधुनिक तथा मौजूदा जीवन में नीतिपरक एवं नैतिक मूल्यों के हास को उजागर करता था.
याद रहे कि केकी दारूवाला असाधारण रूप से एक कुशल और निपुण कवि थे, जिनकी कविताओं ने दुनिया भर के हजारों साहित्य प्रेमियों पर गहरा प्रभाव डाला. दारूवाला का जन्म 24 जनवरी 1937 को हुआ था. उनका पूरा नाम केकी नसेरवानजी दारूवाला था. केकी एन दारूवाला को वर्ष 1984 में उनके अंग्रेजी कविता संकलन द कीपर आफ द डेड के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार प्रदान किया गया था. 2014 में वे भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से भी सम्मानित किये गये थे. उनकी कविताओं में मौजूद सार्वभौमिक तत्वों और मूल्यों ने उनकी कृतियों को कई देशों के लोगों के लिए आकर्षण का हेतु बना दिया. उन्हें वास्तव में एक वैश्विक कवि के रूप में समादृत किया जा सकता है. भले ही श्री केकी दारूवाला ने अपनी नश्वर देह त्याग दी हो, किंतु वे अपने पीछे एक प्रभावशाली साहित्यिक विरासत छोड़ गए हैं, जो सदा हमारे साथ रहेगी.