मंदसौर: साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद ने साहित्यकार डा रघुवीर सिंह स्मृति समारोह आयोजित किया. इस दौरान नगर पालिका सभागार में व्याख्यान, रचना पाठ तथा कवि सम्मेलन हुआ. मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी निदेशक डा विकास दवे के मुख्य आतिथ्य, साहित्यकार एवं पुरातत्व वेत्ता कैलाश चंद्र पांडेय की अध्यक्षता तथा लेखक-पत्रकार डा घनश्याम बटवाल के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में गोपाल बैरागी, एकाग्र शर्मा, हिमांशु हिंद, धीरज चौहान, अमन जादौन, नरेंद्र भावसार, डा नीलेश नगाइच नील, पोरवाल मुकेश निडर आदि ने अपने विचार रखे. डा विकास दवे ने कहा कि साहित्य अकादमी प्रदेश में कीर्ति पुरुषों, विभिन्न क्षेत्रों के इतिहास, साहित्य और विशिष्ट योगदान करने वाले महापुरुषों के स्मृति प्रसंग आयोजित कर रहा है. इस शृंखला में मंदसौर जिले का प्रथम स्मृति प्रसंग पूर्व सांसद, लेखक, इतिहासकार डाक्टर रघुवीर सिंह पर केंद्रित है. महाराज कुमार डा रघुवीर सिंह सीतामऊ मालवा रियासत के जांबाज योद्धा थे, जिन्होंने अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर अंग्रेजी हुकूमत का दृढ़तापूर्वक सामना किया. सार्वजनिक जीवन में भी आप अपनी मातृभाषा के प्रति संवेदनशील एवं जीवन मूल्यों के पोषक थे. वे निजी रूप से मालवी भाषा में भी संवाद करते थे. डा रघुवीर सिंह का निधन 1991 में हुआ पर उनका कृतित्व और साहित्यिक अवदान कालजयी है. डा दवे ने उनकी स्मृतियों को याद कर मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी एवं प्रदेश संस्कृति परिषद की ओर से भावांजलि अर्पित की.
इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में इतिहासकार एवं पुरातत्व विद्वान कैलाशचंद्र पांडेय ने कहा कि छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध सीतामऊ मालवा रियासत के महाराज कुमार डा रघुवीर सिंह देश की 500 से भी अधिक रियासतों में एकमात्र बीए पास व्यक्ति थे, जो तत्कालीन मध्य भारत की 22 रियासतों में साहित्यिक गजेटियर निर्माण समिति के प्रमुख सदस्य थे. अभिलेखों के प्रति आपकी इच्छा शक्ति का ही परिणाम आपके द्वारा स्थापित नटनागर शोध संस्थान आज भी देश के शोधार्थियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. इस दुर्लभ संग्रहालय में बड़ी संख्या में विभिन्न भाषाओं का साहित्य उपलब्ध है. ऐसी शख्सियत का स्मृति समारोह पूरे मालवा प्रांत का सम्मान समारोह है. कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन किया. नंदकिशोर राठौर ने सरस्वती वंदना ‘मां बस यह वरदान चाहिए’ प्रस्तुत किया. अतिथि परिचय एवं स्वागत उद्बोधन संयोजक बटवाल ने किया. मंच पर वक्ताओं का स्वागत नरेंद्रसिंह सिपानी, नरेंद्र त्रिवेदी, सुरेंद्र दीक्षित, अजीजुल्लाह खान आदि ने किया. कार्यक्रम के द्वितीय चरण में साहित्य अकादमी निदेशक डा विकास दवे प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी, डा दिनेश तिवारी, नटनागर शोध संस्थान अधिकारी डा सहदेव सिंह चौहान, डा स्वप्निल ओझा, बालकृष्ण दवे, नरेंद्र सिंह राणावत ने सभी रचनाकारों का पुष्पमाला से सम्मान किया.