नई दिल्ली: प्रख्यात दार्शनिक और आध्यात्मिक नेता अरबिंदो घोष की 152वीं जयंती के उपलक्ष्य में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में फिल्म ‘श्री अरबिंदो: बिगिनिंग आफ ए स्पिरिचुअल जर्नी‘ की विशेष स्क्रीनिंग की योजना है. यह कार्यक्रम सीडी देशमुख आडिटोरियम में हो रहा है. स्क्रीनिंग की शुरुआत फिल्म के निर्माता-निर्देशक सूरज कुमार करेंगे. अरबिंदो के जीवन के एक महत्त्वपूर्ण अध्याय पर आधारित यह फिल्म 5 मई, 1908 को उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद कुख्यात ‘अलीपुर बम कांड‘ के मुकदमे के दौरान अलीपुर जेल में बिताए गए साल पर केंद्रित है. अरबिंदो को क्रांतिकारी गतिविधियों में फंसाने के ब्रिटिश सरकार के प्रयास अंततः विफल हो गए, जिसके परिणामस्वरूप 6 मई, 1909 को उन्हें बरी कर दिया गया और रिहा कर दिया गया. इस अवधि ने श्री अरबिंदो की गहरी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत को न केवल अवसर दिया, बल्कि उनके भीतर ऐसा परिवर्तन किया जिसने उनकी दार्शनिक शिक्षाओं और विरासत पर एक स्थायी प्रभाव डाला.
ऐतिहासिक अलीपुर जेल में फिल्माई गई ‘श्री अरबिंदो: एक आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत‘ में श्री अरबिंदो की भूमिका में विक्रांत चौहान हैं. यह फिल्म दर्शकों को भारत के सबसे प्रभावशाली विचारकों में से एक के जीवन और आध्यात्मिक विकास के बारे में गहन जानकारी प्रदान करती है, जिनके विचार वैश्विक स्तर पर गूंजते रहते हैं. निर्देशक सूरज कुमार, जिन्होंने पहले अपनी इंडो-अर्जेंटीना फिल्म ‘थिंकिंग आफ हिम‘ के लिए प्रशंसा प्राप्त की थी – जिसमें रवींद्रनाथ टैगोर और अर्जेंटीना की लेखिका विक्टोरिया ओकैम्पो के बीच के बंधन को दर्शाया गया था, ने इस फिल्म पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री अरबिंदो का जीवन आध्यात्मिक जागृति का एक प्रकाश स्तंभ है, और उनकी यात्रा को स्क्रीन पर लाना सम्मान की बात है. यह फिल्म उनकी परिवर्तनकारी दृष्टि और इसकी कालातीत प्रासंगिकता को श्रद्धांजलि है. आईआईसी में ‘श्री अरबिंदो: एक आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत‘ की स्क्रीनिंग दर्शकों को श्री अरबिंदो की आध्यात्मिक विरासत से जुड़ने का एक असाधारण अवसर प्रदान करती है, जिनकी शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती रहती हैं.