मंदसौर: “ईश्वरीय आस्था से किए गए कार्यों को स्वयं ईश्वर की मानसिक बल के साथ शारीरिक क्षमता प्रदान करते हैं. अहिल्याबाई होल्कर ने शिव की आराधना करते हुए मालवा साम्राज्य को स्थापित किया और शिव के सहारे ही सत्ता को संभाला.” यह बात स्थानीय नूतन विद्यालय सभागार में ‘लोक माता अहिल्याबाई होल्कर व्याख्यान‘ में मालवा प्रांत के अध्यक्ष त्रिपुरारीलाल शर्मा ने कही. उन्होंने कहा कि इसी कारण उनमें करूणा एवं प्रजा के हित की भावना का समावेश हुआ और सभी का ध्यान रखने से ही उनको पुण्य श्लोका लोकमाता कहा गया है. उन्होंने कहा कि आपने महिलाओं को शस्त्र चलाने की दिशा देकर महिला सेना बनाई, सेना के जवानेां की मृत्यु हो जाने पर उनकी विधवाओं को रोजगार से जोड़ा. साड़ी बनाने का कार्य सिखाया उसी जमाने से महेश्वर की साड़ियों का उत्पादन हुआ आज भी महेश्वर की साड़ी प्रसिद्ध है. आपने न्याय की अनूठी परम्पराओं को स्थापित किया जिसमें न्याय के तराजू पर सभी बराबर थे. न्याय के लिए अपने बेटे को भी आपने मृत्युदंड सजा देने में कोई हिचक नहीं दिखाई.
लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व विषय पर बोलते हुए शर्मा ने कहा कि आपने धर्म के आधार पर शासन चलाया. पूरे भारत में 100 से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया. जिसमें काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, हरिद्वार, उज्जैन के कई मंदिर शामिल थे. अहिल्याबाई ने अनेक युद्ध लड़े तो सारे भारत के राजाओं को राखी भेजकर भाई भी बनाया, जिससे युद्ध की आशंका कम हुई. आपने एक कूटनीति अपनाकर राघोबा जैसे पेशवा को भी एक पत्र लिखकर युद्ध के बिना लौटा दिया कि ‘आपसे महिलाओं की सेना लड़ेगी जिससे जीते तो भी कोई उपलब्धि नहीं मानी जाएगी और हारे तो भी कलंक लगेगा कि महिला सेना से हारे.‘ इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मदनलाल राठौर, जनपरिषद अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार डा घनश्याम बटवाल, शिक्षाविद पंडित देवेश्वर जोशी, रमेशचन्द्र चन्द्रे, ब्रजेश जोशी, श्यामलाल बोराना, डा उर्मिला तोमर, लाफ्टर फेम मुन्ना बैटरी, चंदा डांगी, बंशीलाल टांक, राजाराम तंवर, अजीजउल्लाह खान, रविशंकर शर्मा, अभय कोठारी आदि उपस्थित थे.