लखनऊ: “साहित्यकार की समाज के प्रति बड़ी जिम्मेदारी होती है. जब-जब समाज में विकृति आती है, तब-तब साहित्यकार उसे बताने का कार्य करता है. साहित्यकार को जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए कार्य करना चाहिए. व्यंग्य जीवन में चेतना लाता है.” यह बात माध्यम साहित्यिक संस्थान लखनऊ और युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 33वें अट्टहास सम्मान की अध्यक्षता करते हुए संस्था के अध्यक्ष कप्तान सिंह ने कही. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा अशोक चक्रधर, प्रमुख अतिथि डा हरि जोशी, कथाकार बलराम, सुभाष चंदर और डा आलोक पुराणिक ने सुरेश कांत को ‘अट्टहास शिखर सम्मान‘ से सम्मानित किया. अलंकार रस्तोगी को ‘अट्टहास युवा रचनाकार सम्मान‘, रामकिशोर उपाध्याय को ‘हरिशंकर परसाई सम्मान‘, डा कीर्ति काले को प्रमिला भारती की ओर से ‘वाणी वाग्धारा सम्मान‘, राजगोपाल सिंह वर्मा को डा हरिवंश राय बच्चन सम्मान और केवल कुमार ‘केवल‘ को डा शिव मंगल सिंह सुमन सम्मान से नवाजा गया. सत्येंद्र रघुवंशी के अस्पताल में भर्ती हो जाने से ‘विद्या निवास मिश्र सम्मान‘ शिल्पा श्रीवास्तव ने ग्रहण किया. शरद जोशी सम्मान से अलंकृत किए जाने वाले भोपाल के व्यंग्य लेखक मुकेश नेमा और जबलपुर के जय प्रकाश पांडे का वाग्धारा सम्मान उनके गृह जनपद में जाकर देने की घोषणा की गई.
माध्यम की तरफ से अरुण अर्णव खरे, डा प्रमिला भारती, डा आभा सिंह, भारती पाठक, मधु श्रीवास्तव, राजेश कुमार सिंह, ओम प्रकाश शुक्ल, संजय कुमार गिरी, अभिलाषाको उनकी साहित्य सेवाओं के लिए ‘वाग्धारा सम्मान‘ से अलंकृत किया गया. लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान से अश्वनी भटनागर और प्रो प्रदीप माथुर को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर ‘अट्टहास‘ के पच्चीसवें साल के प्रथम अंक, रामकिशोर उपाध्याय के व्यंग्य संग्रह ‘दस हाथ वाला आदमी‘, अलंकार रस्तोगी के व्यंग्य संग्रह ‘घातक कथाएं‘, डा आभा सिंह के व्यंग्य संग्रह ‘टूटी टांग‘ और केवल कुमार ‘केवल‘ के व्यंग्य कविता संग्रह ‘पूंछ‘ का विमोचन भी हुआ. कार्टूनिस्ट सागर कुमार ने अनूप श्रीवास्तव, कप्तान सिंह, डा हरि जोशी, अशोक चक्रधर, रामकिशोर उपाध्याय, डा कीर्ति काले, अलोक पुराणिक, सुभाष चंदर, भारती पाठक और अश्विनी कुमार के शानदार कैरीकेचर भेंट किये. डा कीर्ति काले ने कविता पाठ किया. डा आलोक पुराणिक ने व्यंग्य के अंदाज में बधाई दी और कहा कि पिछले दिनों वह एक सम्मान समारोह में गए थे, जहां 178 लोगों को सम्मानित किया गया. आयोजकों ने बताया कि यहां उपस्थित सभी 176 साहित्यकारों के अतिरिक्त एक चाय वाला और एक समोसे वाले को भी सम्मानित किया है. संस्था के महासचिव अनूप श्रीवास्तव ने संस्था की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी.