देहरादून: स्थानीय नगर निगम सभागार में उत्तराखंड आंदोलन के जुझारू और समर्पित नायक विजय जुयाल के आंदोलन यात्रा की अनकही कहानी पर सुमित्रा जुगलान द्वारा लिखित पुस्तक ‘एक आंदोलनकारी ऐसा भी’ का विमोचन हुआ. यह कार्यक्रम उमा मंगलम चैरिटेबल संस्था द्वारा आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डा बीपी नौटियाल ने की. मुख्य अतिथि प्रोफेसर डा संजय जसोला थे. विशिष्ट अतिथि डा माधुरी बड़थ्वाल, डा नंद किशोर हटवाल, वक्ता डा जगदंबा प्रसाद कोटनाला और पुस्तक परिचय महेंद्र सिंह ध्यानी ने दिया. संचालन बीना बेंजवाल ने किया. दीपक जुयाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया. पुस्तक में विजय जुयाल के गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में जन जागरण हेतु की गई 1200 गांव की पद-यात्रा का वर्णन है. जुयाल की यात्रा उत्तराखंड आदोलन से प्रारंभ हुई थी. तब लोकतंत्र अभियान के तहत सदस्य बनाने तथा राज्य आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के लिए जन जागरण तैयार करना था. लेकिन जब उन्होंने देखा कि सुदूरवर्ती गांवों में तो विकास की एक किरण भी नहीं पहुंची है. जनमानस को तो सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं की जानकारी ही नहीं थी, तब उनका हृदय बहुत व्यथित हुआ और उनके भ्रमण का उद्देश्य बदल गया.
वक्ताओं का कहना था कि विजय जुयाल ने 9 महीने जिला-जिला गांव-गांव जाकर बैठक करने लगे और सरकारी योजनाओं की जानकारी देते रहे. वे ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान भी संबंधित अधिकारियों से मिलकर करते. इस तरह लोगों में जागृति आई और उनकी सामाजिक चेतना को बल मिला. उनके इस अभियान ने लोगों के दिलो-दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी. इसके बाद केदारनाथ आपदा से प्रभावित बेसहारा हुए बच्चों के शैक्षिक सहयोग के लिए धाद संस्था के सहयोग से कार्य किया. वे अब तक 42 निर्धन बेसहारा कन्याओं का विवाह अपने मित्रों के सहयोग से करवा चुके हैं. कार्यक्रम में हर्ष मणि व्यास, कमला पंत, कांता घिल्डियाल, डा बसंती मठवाल, भारती पांडे, मुनीराम सकलानी, तन्मय ममगाई, बीना कंडारी, प्रेम लता सजवान, प्रदीप कुकरेती, जयदीप सकलानी, धर्मपाल रावत, पीसी थपलियाल, शांति प्रसाद भट्ट आनंद सिंह रावत, डा अलका पांडे, डा अर्चना डिमरी, हरि शंकर जोशी, मधु बिष्ट, पवन डबराल, गौरव खंडूरी, हरीश जुयाल, कुटुज सुदीप जुगरान आदि उपस्थित रहे.