ईटानगर: राजीव गांधी विश्वविद्यालय में ‘भाषा और साहित्य में शोध‘ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई. कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में हुआ, जिसमें वर्तमान और पूर्व बैच के छात्रों और शोधार्थियों को उनके शोध के क्षेत्रों और विषयों को चुनने और तैयार करने में सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया था. कार्यशाला का एक मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परिकल्पित शोध में अंतःविषय और बहुविषयक दृष्टिकोण से परिचित कराना है. केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रवक्ता के अनुसार राजीव गांधी विश्वविद्यालय के भीतर और बाहर इस विषय से जुड़े लोगों ने भाषा और साहित्य में शोध से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा एनटी रिकम ने की. उन्होंने एनईपी 2020 के समग्र डिजाइन में शोध के महत्त्व पर बात की. यह कहते हुए कि यह कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए फायदेमंद साबित होगी डा रिकम ने उन्हें ईमानदारी से इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित किया.
भाषा संकाय के डीन प्रोफेसर एसएस सिंह ने अपने संक्षिप्त संबोधन में शोध के इतिहास और संभावनाओं पर प्रकाश डाला और एनईपी 2020 के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला. विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग ने भी हाल ही में जी-20 दिल्ली की व्यवहार्यता आकलन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला नई दिल्ली स्थित भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के तहत एक परियोजना का हिस्सा है. यह परियोजना पश्चिम बंगाल के कल्याणी विश्वविद्यालय के डा प्रतीप चट्टोपाध्याय के निर्देशन में प्रदान की जा रही है. कार्यशाला में विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोध विद्वान और पीजी छात्र शामिल हुए. अपने संबोधन में आरजीयू के कुलपति प्रोफेसर साकेत कुशवाहा ने कहा कि कार्यशाला सतत विकास के लिए मुख्यधारा की जीवन शैली की संरचना और सामग्री की प्रक्रिया में उद्देश्य को समझने में सहायक होगी.