बीकानेर: नवकिरण सृजन मंच ने पत्रकार एवं साहित्यकार आशीष दशोत्तर के सृजन पर चर्चा एवं नवकिरण सृजन सम्मान अर्पण समारोह का आयोजन किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, कवि एवं कथाकार राजेन्द्र जोशी थे. अध्यक्षता व्यंग्यकार- संपादक डा अजय जोशी ने की. इस अवसर पर राजेन्द्र जोशी ने कहा कि हमारे समय के महत्त्वपूर्ण लेखक दशोत्तर के लेखन को आलोचकों द्वारा रेखांकित किया जाना चाहिए. दशोत्तर की अठारह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें कविताएं, गज़ल, व्यंग्य आदि विधाओं की कृतियां पाठकों में काफी लोकप्रिय रही हैं. उनका सृजन जन जुड़ाव का है और भाषा-शैली संप्रेषणीय है. अध्यक्षता कर रहे डा अजय जोशी ने कहा कि आशीष दशोत्तर का सृजन बहुआयामी है. उन्होंने गीत, गज़ल और व्यंग्य सभी विधाओं में सृजन किया है. उनके व्यंग्य बहुत चुटीले और मारक होते हैं और पाठकों पर अपना एक अलग प्रभाव छोड़ते हैं.
कार्यक्रम के प्रारंभ में नवकिरण सृजन मंच के समन्यक साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने आशीष दशोत्तर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हाल ही में उनके ‘मोरे अवगुन चित में धरो‘, ‘जी हुज़ूर‘, प्रतिनिधि व्यंग्य शीर्षक से प्रकाशित व्यंग्य संग्रह, ‘पोटली भर आस‘ गीत संग्रह, ‘सम से विषम हुए‘ और ‘सोहबतें‘ गजल संग्रह, ‘तुम भी?’ कविता संग्रह, ‘बातें मेरे हिस्से‘ की साक्षात्कार संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. ये सब पुस्तकें पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय रही हैं. अपने दायित्वों के साथ संजीदा और जागरूक साहित्यकार के रूप में दशोत्तर का सृजन जारी है. आखिरी चरण में दशोत्तर ने अपनी रचना प्रकिया बताते हुए चुनिंदा रचनाएं भी प्रस्तुत कीं. अंत में यामिनी जोशी ने आभार ज्ञापित किया. कार्यक्रम में बड़ा संख्या में मंच के पदाधिकारी और साहित्यप्रेमी दर्शक उपस्थित थे.