गाजियाबाद: ‘वैश्विक मानक और बौद्धिक संपदा अधिकार‘ पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें किसी भी देश के विकास के लिए इस विषय के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया. इस वर्ष अक्टूबर में भारत में आयोजित हो रही विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली के पहले हुई कार्यशाला ने राष्ट्रीय हितधारकों को वैश्विक साझेदारी बनाने और दूरसंचार मानकों में सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया. इस कार्यशाला का आयोजन दूरसंचार विभाग के तहत राष्ट्रीय दूरसंचार नीति अनुसंधान, नवाचार और प्रशिक्षण संस्थान गाजियाबाद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के क्षेत्र कार्यालय और इनोवेशन सेंटर के सहयोग से ‘विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस‘ गाजियाबाद परिसर में किया गया था. कार्यक्रम का उद्घाटन दूरसंचार सचिव डा नीरज मित्तल ने किया. कार्यशाला में दूरसंचार विभाग के अधिकारी, आईटीयू विशेषज्ञ, संकाय सदस्य और दिल्ली और एनसीआर के इंजीनियरिंग कालेजों के छात्र शामिल हुए. अतुल सिन्हा, डीडीजी, एनटी बौद्धिक संपदा अधिकार आईटी ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया. उद्घाटन भाषण में डा नीरज मित्तल ने नवाचार और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए मानकीकरण में वैश्विक सहयोग के महत्त्व पर जोर दिया.
सदस्य एके साहू ने वैश्विक मानकीकरण प्रक्रिया में राष्ट्रीय योगदान के महत्त्व पर प्रकाश डाला. महानिदेशक आरआर मित्तर ने दूरसंचार मानकों की बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया. आईटीयू क्षेत्र कार्यालय नई दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार आर शाक्य ने अपने विशेष संबोधन में प्रतिभागियों से मानकीकरण क्षेत्र में आईटीयू गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया. उन्होंने डब्ल्यूटीएसए-24 के बारे में भी विस्तार से बताया. एनटीबौद्धिक संपदा अधिकारआईटी के महानिदेशक देब कुमार चक्रवर्ती ने सहयोग और साझेदारी की भावना के बारे में बात की और कार्यशाला के उद्देश्यों और अवलोकनों पर प्रकाश डाला. मार्टिन एडोल्फ स्टडी ग्रुप काउंसलर आईटीयू ने अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की गतिविधियों और तकनीकी व इंजीनियरिंग शिक्षा में वैश्विक मानकों के महत्त्व के बारे में एक सिंहावलोकन प्रस्तुत किया. माशमारी के सीईओ शरद अरोड़ा ने मानकीकरण प्रक्रियाओं और तकनीकी शिक्षा पर उनके महत्त्वपूर्ण प्रभाव के बारे में बताया. सीईडब्ल्यूआईटी आईआईटी मद्रास के डा क्लुट्टो मिलेथ ने तकनीकी शिक्षा और परियोजनाओं में मानक आवश्यक पेटेंट (एसईपी) और बौद्धिक संपदा अधिकार की जटिलताओं पर गहराई से चर्चा की. यूके श्रीवास्तव ने नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए वैश्विक मानकों और बौद्धिक संपदा अधिकार का लाभ उठाने पर एक पैनल चर्चा की अध्यक्षता की.