जम्मू: स्थानीय कर्ण भवन स्थित डोगरी भवन में डोगरी संस्था जम्मू ने एक बहुभाषी कवि गोष्ठी का आयोजन किया. इस बहुभाषी कवि गोष्ठी में डोगरी, हिंदी, पंजाबी और उर्दू के प्रमुख कवियों ने भाग लिया. गोष्ठी की अध्यक्षता डोगरी संस्था जम्मू के अध्यक्ष प्रो ललित मगोत्रा ने की. कवि गोष्ठी की शुरुआत पंजाबी के प्रख्यात कवि सुरजीत पातर को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. सबसे पहले कवियों ने पातर के जीवनकर्म को याद किया. इसके बाद स्वामी अंतर नीरव ने सुरजीत पातर की एक कविता की अंतिम रिकार्डिंग सुनाई, जिसे उन्होंने अपनी मृत्यु की पिछली शाम को ही एक कवि गोष्ठी में सुनाया था. इसके बाद डोगरी संस्था जम्मू के साहित्य मंत्री सुशील बेगाना ने कवि गोष्ठी की शुरुआत की. कवि गोष्ठी में भाग लेने वाले कवियों में डोगरी में प्रो ललित मगोत्रा, सुशील बेगाना, प्रोमिला मन्हास, पवन वर्मा, हिंदी के कमलजीत चौधरी, कृष्ण कुमार, सुधीर महाजन, पंजाबी के डा बलजीत सिंह रैना, स्वामी अंतर नीरव, बलविंदर सिंह, जावेद राही, उर्दू भाषा के लियाकत जाफरी, दीपक आरसी और अंकुर रस्तोगी शामिल थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो ललित मगोत्रा ने कहा कि यह एक बहुत ही सफल कवि गोष्ठी थी, क्योंकि सभी प्रतिभागियों ने अपनी-अपनी भाषाओं में महान योगदान देकर एक अलग पहचान बनाई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस तरह की पहल क्षेत्र में साहित्यिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक नियमित संगोष्ठी होगी, जिसमें प्रमुख कवि दूसरों को सार्थक कविता लिखने के लिए प्रेरित करते रहेंगे. प्रो मगोत्रा ने कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि अग्रज पीढ़ी अपने बाद के कवियों को उनकी सृजनात्मकता की दिशा में प्रेरित करे. याद रहे कि डोगरी संस्था जम्मू डोगरी के साथ ही भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों को जोड़ने की दिशा में ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देती है, जिससे जम्मू में साहित्य, संस्कृति के विकास के साथ ही भाषाओं के बीच तालमेल बढ़े. इस बहुभाषी कवि गोष्ठी में विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों और कविता प्रेमियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया.