जमशेदपुर: विश्वविख्यात फिल्मकार सत्यजित राय की याद में जमशेदपुर के करीम सिटी कालेज के मास कम्युनिकेशन विभाग, न्यू डेल्ही फिल्म फाउंडेशन, सृजन संवाद तथा साहित्य कला फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से एक कार्यक्रम का आयोजन किया. कालेज सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार चंदन पांडे थे. अध्यक्षता एलबीएसएम कालेज के प्राचार्य डा अशोक अविचल ने की. प्राचार्य डा मोहम्मद रेयाज ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह देखकर स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सत्यजीत राय हम झारखंड वालों के लिए बड़ा ही सम्मानित नाम हैं. उन्होंने जिस उपन्यासकार बिभूति भूषण बंदोपाध्याय के उपन्यास पर 1955 में ‘पथेर पांचाली‘ फिल्म बनायी वे झारखंड के घाटशिला क्षेत्र से संबंधित थे. कार्यक्रम में डा विजय शर्मा द्वारा संपादित पुस्तक ‘सत्यजीत राय का अपूर्व संसार‘ का विमोचन भी हुआ. शर्मा ने पुस्तक और सत्यजीत राय के बारे में अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में 41 साहित्यकारों के लेख हैं जिनमें 16 साहित्यकार जमशेदपुर के हैं.
न्यू डेल्ही फिल्म फाउंडेशन के संस्थापक आशीष कुमार सिंह ने आनलाइन ‘सत्यजीत राय स्मृति व्याख्यान‘ प्रस्तुत किया. सिंह ने विस्तार से राय की कलाकृतियों, उनकी सोच और उनकी भावनाओं पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सत्यजीत राय ने भारतीय सिनेमा को उसकी मौलिक भाषा प्रदान की और सिनेमा नाम की नई विधा को एक नए मुकाम पर पहुंचाया. उन्होंने कहा कि सत्यजीत राय संस्कृति, कला और साहित्य की विरासत को लेकर पैदा हुए थे, जो उनके सिनेमा में हमेशा प्रतिबिंबित हुआ. उनकी फिल्में अलग अलग कालखंडों का इतिहास हैं… इसलिए यदि हमें भारतीय संस्कृति के वास्तविक तथा ऐतिहासिक रूप को देखना हो तो हमें सत्यजित राय की फिल्में देखनी चाहिए. इस संदर्भ में उन्होंने ‘पथेर पांचाली‘ से लेकर ‘शतरंज के खिलाड़ी‘ समेत तमाम फिल्मों के उदाहरण भी प्रस्तुत किए. मुख्य अतिथि चंदन पांडे ने भी पुस्तक पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक ने मुझे कई अहम बातों को समझने का मौका दिया और जिस बात के लिए मैं सबसे ज्यादा प्रेरित हुआ, वह यह है कि हमें सत्यजीत राय की फिल्मों को दोबारा देखने की जरूरत है. सभा का संचालन करीम सिटी कालेज मास कम्युनिकेशन विभाग की प्रभारी डा नेहा तिवारी ने किया. क्षमा त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.