बेगूसराय: जिले के सिमरिया गांव स्थित दिनकर के पैतृक आवास पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 50वीं पुण्यतिथि पर एक विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया. दिनकर स्मृति विकास समिति एवं दिनकर पुस्तकालय के तत्त्वावधान में आयोजित कवि सम्मेलन की अध्यक्षता जनपद के वरिष्ठ कवि अशांत भोला ने की, तो संचालन प्रवीण प्रियदर्शी ने किया. अतिथियों का स्वागत समिति के कोषाध्यक्ष रामनाथ सिंह ने किया. राष्ट्रकवि दिनकर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई. अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि अशांत भोला ने, ‘दर्द की थाती सजाती रही है मां, अंधेरे में दिया बाती रही है मां. अपने बच्चों की मुस्कुराहट के लिए जिंदगी से लड़ती रही है मां…‘ को सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी. गीतकार रमा मौसम ने सुनाया, ‘जरा बचपन का वो खोया हुआ एहसास दे देना, वो प्यारी बांसुरी देना, सुरीली तान दे देना. मोहब्बत के परिंदों को खुला आकाश दे देना…‘ को सुनाकर कवि सम्मेलन के मौसम को खुशमिजाज कर दिया.
वहीं कवि प्रफुल्ल मिश्र ने ‘कहो गर्व से तान के सीना हां हम सब बिहारी हैं…‘ सुनाकर श्रोताओं का मनोबल बढ़ाया. कवयित्री रंजू ज्योति ने ‘कोशिश करके देखते हैं‘ कविता सुना कर वाहवाही बटोरी. दिनकर की पौत्री, कवयित्री उत्तरा ने गांव की सौंधी मिट्टी की खुशबू को याद करते हुए शहर की विडम्बनाओं पर करारा प्रहार किया. ई कन्हाई पंडित ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों पर प्रकाश डाला. विनीताभ ने कोरोना की त्रासदी पर कविता पढ़ी. इस अवसर पर कवि बबलू दिव्यांशु, श्यामनंदन निशाकर, विनोद बिहारी, संजीव फिरोज, विजय कुमार चौधरी, अमरदीप सुमन, अवनीश कुमार, प्रियव्रत कुमार, कुणाल कुमार, एके मनीष, रमण कुमार समेत कई कवियों ने काव्य पाठ किया. मौके पर राजेश कुमार सिंह, लक्ष्मण देव कुमार, विश्वंभर सिंह, कल्पना सिंह, बरौनी सीडीपीओ पूनम कुमारी, शोभा कुमारी, ललन कुमार सिंह, गीता राय, गोपाल कुमार, कृष्ण मुरारी, जितेंद्र झा, सुनील कुमार सिंह, अजीत कुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.