मधुबनी: भाषा के बिना संवाद अधूरा है और साहित्य तो सृजित ही नहीं हो सकता. इसलिए भाषाओं के ज्ञान के साथ ही उसका संस्कार भी जरूरी है. संस्कृत भारतीय ही नहीं विश्व भाषाओं की भी जननी है, इसलिए उसके संवर्धन और संरक्षण का हर संभव प्रयास होना चाहिए. यह बात मधुबनी जिला में पंडौल प्रखंड के नन्दन संस्कृत महाविद्यालय इसहपुर के औचक निरीक्षण के दौरान कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पाण्डेय ने कही. महाविद्यालय के निरीक्षण क्रम में कुलपति ने कई आवश्यक निर्देश दिया.
कुलपति पाण्डेय के औचक निरीक्षण से जुड़ी जानकारी देते हुए डा काशीनाथ झा ने बताया कि कुलपति द्वारा शिक्षक उपस्थित पंजी सहित वर्ग संचालन का अवलोकन किया. कुलपति प्रो पाण्डेय ने कहा की संस्कृत भाषा साहित्य के संरक्षण व संवर्धन को केन्द्र व राज्य सरकार कृत संकल्पित है. संस्कृत भाषा के सार्वभौमिक विकास से ही यहां की सांस्कृतिक विरासत, दर्शन, ग्रन्थ व परम्परागत पौराणिक विचारधारा अक्षुण्ण है. महाविद्यालय में उपस्थित छात्र- छात्राओं को कुलपति ने उत्साहवर्धन आश्वस्त किया. उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र वर्ग संचालन व परीक्षा परिणाम समय पर निर्गत करने का आदेश है. औचक निरीक्षण क्रम में कुलपति प्रो पाण्डेय ने महाविद्यालय के प्राचार्य को स्वच्छता अभियान चलाने सहित छात्र- छात्राओं को पुस्तकालय से भरपूर पुस्तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.