मथुरा: “साहित्य की ओट में ही काल विशेष की विशेषता छिपी रहती है, जिसे समय-समय पर साहित्यकार उद्घाटित करता है. शिक्षा जीवन में व्याप्त अंधकार को दूर कर हमारे जीवन में सामंजस्य स्थापित करती है तथा आत्मनिर्भर बनाती है. शिक्षित समाज ही उन्नति-प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता है. साहित्य शिक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह साहित्य विभिन्न सांस्कृतिक विरासतों, ट्रेडिशंस, इतिहास, कला और संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा करता है.” यह बात कथाकार शिवमूर्ति ने कृष्णमोहन विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय में आयोजित ‘शिक्षा, साहित्य और समाज‘ विषयक संगोष्ठी में बतौर अतिथि वक्ता कही कही. शिवमूर्ति ने कहा कि विद्या नहीं तो कला नहीं, कला नहीं तो संगीत नहीं समझने वाला मनुष्य एक जानवर के समान है, इसलिए शिक्षा नहीं तो साहित्य कहां? साहित्य नहीं तो फिर समाज का निर्माण कैसे हो सकता है? विद्वान की पूजा पूरे विश्व में होती है. प्रो अशोक बंसल ने कहा प्रतिदिन पढ़े-लिखे और बोलने वाला हर छात्र जगत में चमकता है. जैसा समाज होता है वैसा ही हमारा साहित्य होता है. सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने कहा कि शिक्षा का समाज में हमेशा विशेष महत्त्व है. विद्या हमें संस्कार, नम्रता और धीरज सिखाती है, यदि शिक्षा प्रणाली अच्छी हो तो समाज का निर्माण अच्छा होता है.
इस अवसर पर एसपी सुरक्षा ने साक्षरता और शिक्षा के महत्त्व को समझाते हुए कहा कि शिक्षा वह है जो आप पढ़कर घर जाने पर भी याद रह जाता है, अन्यथा आप केवल साक्षर बन रहे हैं. व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताओं के चक्कर में शिक्षा छूट जाए यह गलत है. डीन आफ फैकल्टी डा धर्मराज ने कहा साहित्य के माध्यम से विद्यार्थी एक विस्तृत दृष्टिकोण विकसित होता है, जो उन्हें समाज और संस्कृति के उच्च फलक व मानक पर बिठाने का कार्य करता है. कुलसचिव पूरन सिंह ने कहा कि जीवन के उच्चतम मानकों को समझने में शिक्षा, साहित्य और समाज मदद करते हैं तथा छात्रों को विभिन्न विचारों व मतों के प्रति समझदार बनाते हैं. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि शिवमूर्ति, बीएसए कालेज के पूर्व प्रवक्ता डा अशोक बंसल, सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार, एसपी सुरक्षा बीबी चौरसिया, विवि के प्रो-वीसी डा शरद अग्रवाल, रजिस्ट्रार पूरन सिंह, सब-रजिस्ट्रार सुनील अग्रवाल, परीक्षा नियंत्रक मनोज कुमार ओझा एवं डा धर्मराज द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ. इस दौरान विवि के शिक्षकों ने मुख्यअतिथियों का माल्यार्पण व पटुका पहनाकर स्वागत किया. इस अवसर पर सीईओ डा मनोज ओझा, असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुनील अग्रवाल, विभागों के प्रोफेसर्स डा सुनील कुमार सिंह, प्रो शैलेन्द्र शर्मा, प्रो चन्देश कुमार, प्रो जगवीर सिंह, प्रो संजू बाला, प्रो सुमित शर्मा, डा विपिन सोलंकी, डा संतोष चतुर्वेदी, प्रो पंकज सारस्वत, प्रो करन सिंह, प्रो रूप शर्मा, प्रो साधना कटियार प्रो बेदवीर सिंह, प्रो अभिषेक, प्रो ललित सिंह, प्रो भूपेंद्र सिंह, प्रो नेत्रपाल सिंह, प्रो राजकुमार प्रो मनीष सिंह आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त विभागों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.