धर्मशाला: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर एवं कवयित्री डा प्रिया शर्मा द्वारा लिखित दो पुस्तकों का विमोचन किया. वे विश्वविद्यालय के दौरे पर थे. राज्यपाल ने डा प्रिया शर्मा की पुस्तक ‘अकथ गाथा नारी की’ और कविता संग्रह ‘आपने कहा’ का विमोचन किया. ‘अकथ गाथा नारी की’ पुस्तक भारतीय संस्कृति की महान नारियों को हमारे सम्मुख लाती है. इस पुस्तक में प्राचीन भारत की सीता और देवी अहिल्या जैसी महान नारियों के साथ ही युद्ध के मैदान में दो-दो हाथ करके अखंड भारत में अपना योगदान देने वाली रानी चेल्लमा, झांसी की रानी की कहानी भी शामिल है. इसमें आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान देने वाली सावित्रीबाई फुले, विश्व भर में सहज योग को स्थापित करने वाली माता निर्मलादेवी, लिज्जत पापड़ उद्योग की ज्योति नायक, सुषमा स्वराज और स्नेह ठाकुर, पुष्पिता अवस्थी, कुसुम खेमानी, मेहरुन्निसा परवेज, मैत्रेयी पुष्पा, बी निर्मला, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और माधुरी दीक्षित की कहानी रोचक ढंग से वर्णित है. यह किताब दो वर्षों के अथक परिश्रम से तैयार की गई है. हर आयु वर्ग के लोगों को यह किताब निरंतर प्रेरणा देगी.
‘आपने कहा’ पुस्तक में प्रकाशित कविताएं समय की धड़कनों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करती हैं. पुस्तक की प्रस्तावना में शांता कुमार ने लिखा है कि कवयित्री ने जो देखा, अनुभव किया, उसे बहुत अच्छे शब्दों में अपनी इन कविताओं में अभिव्यक्त किया है. उन्होंने लिखा कि डा प्रिया शर्मा हिंदी साहित्य के लिए एक समर्पित व्यक्तित्व है. उनके नाम के अनुसार इन कविताओं में जो भी है वह प्यारा है और सुंदर है. इन कविताओं में से कई प्रेरक शीर्षक और भाव से भरी हैं, जैसे ‘तुम बीमार नहीं हो’, ‘सामान्य रहना’, ‘उदास मत होना’, उस नकारात्मकता को दूर करने का एक प्रयास है जो आज के मानव जीवन को अपनी चपेट में लिए हुए है. केवल मानव जीवन के प्रति संवेदना ही नहीं बल्कि कवयित्री अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रकृति, पर्यावरण व देशभक्ति के प्रति अपनी संवेदना को हृदय से बेहिचक व्यक्त करती है. समय से संवाद की अनुभूति कराता यह कविता संग्रह पाठकों को भी सुखद अनुभूति प्रदान करेगा और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा.